
पांचोली में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक को संबोधित करते विजय बैंसला। (फोटो-पत्रिका)
दौसा। मानपुर के पांचोली गांव में बुधवार को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति व पंच-पटेलों की बैठक हुई। इस दौरान बीते 8 जून को भरतपुर के बयाना इलाके के कारवारी शहीद स्मारक (पीलूपुरा) में महापंचायत में मांग पत्रों पर निर्णय नहीं होने पर वक्ताओं ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई।
समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजय बैंसला ने कहा कि समाज की सात प्रमुख मांगें वर्षों से लंबित हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ। यदि 30 दिनों में समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन निर्णायक रूप लेगा। देवनारायण योजना की मॉनिटरिंग, शहीद रूपनारायण के परिजन को नौकरी व अन्य लंबित मामलों पर समिति की रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। यदि नवम्बर में सरकार को रिपोर्ट नहीं दी गई तो समाज बड़े स्तर पर आंदोलन की शुरुआत करेगा।
बैंसला ने कहा कि 'जून में हुई महापंचायत के बाद सरकार ने तीन मंत्रियों की कमेटी का गठन किया था। कमेटी काम करने की बजाय भाषण कर रही है, लेकिन हमें दूसरा तरीका आता है। हम जब मीटिंग करते हैं तो रेल रुक जाती है। कमेटी के मन में खोट दिखता है। इस खोट को 30 दिन में ठीक कर लीजिए, नहीं तो कील ठोकना हमें भी आता है।'
संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष भूरा भगत ने चेतावनी दी कि मंत्री और नेताओं का सार्वजनिक विरोध किया जाएगा, क्योंकि वे समाज की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे। एमबीसी वर्ग के अभ्यर्थी 95 दिन तक शांतिपूर्वक धरने पर बैठे रहे, लेकिन सरकार ने केवल आश्वासन देकर आंदोलन समाप्त करवाया। अब समाज झूठे वादों में नहीं आने वाला है।
बैठक में रतन पटेल, अतर सिंह मास्टर, जिला अध्यक्ष भूपेश पांचोली सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि अब गांव-गांव जनजागरण अभियान चलाया जाएगा। वक्ताओं ने मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म के रवैये पर भी आक्रोश जताते हुए कहा कि उन्होंने समाज के हितों के साथ विश्वासघात किया है।
Published on:
05 Nov 2025 10:41 pm
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