जिला कलक्ट्रेट में प्रदर्शन करते संयुक्त महासंघ के पदाधिकारी। फोटो- पत्रिका
दौसा। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष के आह्वान पर जिला कलक्ट्रेट परिसर में कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों और बजट घोषणा 2025-26 के क्रियान्वयन में सरकार की घोर उदासीनता के विरोध में नाराजगी जताई।
धरना जिला अध्यक्ष तेजप्रकाश चतुर्वेदी और महामंत्री हरिसिंह गुर्जर के नेतृत्व में आयोजित किया गया। प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर सरकार को अंतिम चेतावनी दी गई। तेजप्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि तीन सप्ताह बीतने के बावजूद सरकार की ओर से न तो आदेश जारी हुए हैं और न ही मांगपत्र पर वार्ता के लिए कोई पहल की गई है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो 20 अक्टूबर को 'काली दीपावली' मनाई जाएगी। धरने में गोपाललाल शर्मा, सुरेंद्र कुमार मीणा, सूर्यप्रकाश शर्मा, ओमप्रकाश कुमावत, रामकरण महावर, भगवान सहाय महावर, पूरणमल बुनकर, ललित कुमार, रूपनारायण शर्मा, दिलीप सिंह राजपूत, रामप्रसाद सैनी, मोतीलाल गुर्जर, महावीर, अजीत, भागचंद, सुरेश सैनी, कैलाश, ओमप्रकाश डिटवाल, कालूराम कुमार, हरिसिंह गुर्जर, ओमप्रकाश शर्मा सहित अनेक कर्मचारी मौजूद रहे।
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ जिला दौसा की ओर से जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा के नेतृत्व में 11 सूत्री लंबित मांग पत्र को लेकर कलक्ट्रेट के बाहर धरना-प्रदर्शन किया गया। इसके बाद जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा गया। 9 अक्टूबर को सरकार के नई पेंशन योजना के आदेशों की प्रतीकात्मक होली जलाई।
जिला मंत्री मुकेश चंद मीना ऐचेडी ने कहा कि कर्मचारी हितों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द मांगें पूरी नहीं की गईं तो आंदोलन को व्यापक रूप दिया जाएगा। इस दौरान जिला उपाध्यक्ष रामरूप खटाना, ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष जगदीश दुर्गेश, सांख्यिकी संघ के राधाकिशन मीना, शिक्षक संघ शेखावत के कजोड़मल मीना, आयुर्वेद परिचारक संघ के जिला अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण मौर्य, सहायक कर्मचारी संघ के दिलीप सिंह राजावत आदि ने मांगों को लेकर सरकार को चेताया।
वहीं राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के पदाधिकारियों ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लेकर सरकार के हालिया आदेश पर आक्रोश व्यक्त किया है। जिला महामंत्री राजकुमार नेतावाला सहित अन्य पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि पुरानी पेंशन योजना में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नेतावाला ने बताया कि सरकार से हाल में जारी आदेश में वित्तीय कठिनाइयों का हवाला देते हुए राज्य के बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों और स्वायत्त संस्थाओं को पुरानी पेंशन योजना से बाहर निकालने की अनुमति दी गई है।
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दौसा ग्रामीण अध्यक्ष नरेश जैमन ने कहा कि यह निर्णय कर्मचारियों के अधिकारों पर सीधा प्रहार है। जब विधायक, सांसद, मंत्री और मुख्यमंत्री केवल पांच वर्ष की सेवा पर आजीवन पेंशन के हकदार हैं, तो राज्य कर्मचारियों को 60 वर्ष तक सेवा देने के बाद पेंशन से वंचित करना अन्यायपूर्ण है। संघ ने पुरानी पेंशन योजना को यथावत रखने की मांग की है।
Published on:
16 Oct 2025 06:57 pm
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