Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

New Rail Line: छत्तीसगढ़ में यहां बिछेगी 490 KM तक नई रेल लाइन, रेल मंत्रालय ने दी मंजूरी

New Rail Line: रेल मंत्रालय ने 12.25 करोड़ रुपए का सर्वेक्षण गोल्डन टिकट जारी कर दिया है। यह वह पहला कदम है जो बस्तर को देश के रेल नक्शे पर लाल बिंदी से हरी लाइन में बदल देगा..

2 min read
Google source verification
new rail line

बस्तर की लौह नसों में दौड़ेगी रेललाइन की नई धड़कन ( File Photo patrika )

New Rail Line: केंद्र सरकार ने बस्तर के दिल तक पहुंचने वाली 490 किलोमीटर लंबी लौह-धमनी को मंजूरी दे दी है। गढ़चिरोली (महाराष्ट्र) से बीजापुर (छत्तीसगढ़) होते हुए बचेली (दंतेवाड़ा) तक की यह मिनरल एक्सप्रेस कॉरिडोर अब सिर्फ कागजों की नहीं, हकीकत की रेलपटरी बनेगी। ( CG News ) रेल मंत्रालय ने 12.25 करोड़ रुपए का सर्वेक्षण गोल्डन टिकट जारी कर दिया है। यह वह पहला कदम है जो बस्तर को देश के रेल नक्शे पर लाल बिंदी से हरी लाइन में बदल देगा।

New Rail Line: तीन राज्यों की सीमा पर, रेल का त्रिवेणी संगम

यह लाइन महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमाओं को रेल की माला में पिरोएगी। बीजापुर के आदिवासी गांवों में पहली बार रेलवे स्टेशन की घंटी बजेगी। स्थानीय युवाओं के लिए रेलवे में रोजगार के अवसर खुलेंगे। बचेली के लौह खदान मजदूरों को अब ट्रक की धूल नहीं, रेल की सीटी सुनाई देगी।

बस्तर सांसद ने रखी थी मांग, अब मिली मंजूरी

बस्तर सांसद महेश कश्यप ने इन रूट के लिए रेलमंत्री से मिलकर मांग रखी थी। जिसके बाद उन्होंने गंभीरता से लेते हुए इस पर अब अपनी स्वीकृति दे दी है। बस्तर सांसद ने कहा कि लंबे समय तक बस्तर को रेल कनेक्टिविटी से दूर रखा गया था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। डबल इंजन की सरकार है और इसमें बस्तरवासियों के हितों को ध्यान में रखकर सभी जिले को रेलवे से जोड़ा जाएगा। इसके लिए तेजी से प्रक्रिया चल रही है।

सपनों की पटरी पर पहला इंजन, 12.25 करोड़ का सर्वेक्षण ईंधन

रेलवे बोर्ड के पत्र अपना प्लान तैयार कर लिया है। रेल का आर्किटे्रक्चरल ब्लूप्रिंट तैयार होगा जो बस्तर के जंगलों में पटरी बिछाएगा। बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट को 2028 तक पूरा करने की दिशा में काम किया जा रहा है। 2025 में सर्वे कार्य और 2026 में भूमि अधिग्रहण और टेंडर प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।

मलकानगिरी तक की ट्रेन को सुकमा तक बढ़ाने की मांग

ऐसा नहीं है कि बस्तर के खाते में सिर्फ गढ़चिरौली से बीजापुर होते हुए बचेली वाले रूट की स्वीकृति मिली है। बल्कि आने वाले समय में दक्षिण बस्तर का एक मात्र जिला जो ट्रेन रूट से दूर था सुकमा, उसे भी जोडऩे की कवायद शुरू हो गई है। बस्तर सांसद महेश कश्यप ने मलकानगिरी तक निर्माणाधीन रेललाइन को सुकमा तक बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मलकानगिरी की सुकमा से दूरी मात्र तीस किमी है। ऐसे में यदि सुकमा को रेलवे ट्रैक से जोड़ा जाता है तो बस्तर के धुर नक्सल प्रभावित जिला भी रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा। यहां के लोग मलकानगिरी जैपोर होते हुए देश के अन्य हिस्सों से बड़ी आसानी से कनेक्ट हो पाएंगे।