अंचलों में दुकान चला रहे झोलाछापों डॉक्टरों को आसानी से मिल रही दवाएं
अंचलों में दुकान चला रहे झोलाछापों डॉक्टरों को आसानी से मिल रही दवाएं
दमोह. जिले में अप्रिय घटनाएं होने के बाद प्रशासन की नींद टूटती है। इसके साथ आनन-फानन में सुधार संबंधी कार्य किए जाते हैं। इसे अभियान की शक्ल दे दी जाती है, लेकिन जैसे ही मामला ठंडा होता है उसके साथ ही अभियान में भी ढिलाई दे दी जाती है। ङ्क्षछदवाड़ा जिले में कफ सिरप से 19 बच्चों की मौत के मामले में तो जिले में चल रही कार्रवाई सिर्फ शिकायतों पर निर्भर है। यहां ड्रग इंस्पेक्टर वर्क लोड की आड़ में अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही हैं। यही वजह है कि थोक व फुटकर दवा दुकानों पर मनमानी जारी है।
बात करें झोलाछापों की तो उन्हें बड़ी आसानी से नियम विरुद्ध तरीके से थोक दवा बाजार में दवाएं बेची जा रही हैं। सैकड़ों की संख्या में बंगाली, चांदसी जैसे झोलाछाप आसानी से दवाएं खरीदकर ले जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इन दवाओं के बिल दूसरे के नाम पर फाड़े जा रहे हैं। बता दें कि झोलाछापों को दवाएं बेचने का नियम नहीं है। ऐसे में दवा दुकानदार दूसरे के नाम पर बिल बनाकर दे रहे हैं।
अंचलों में 400 से ज्यादा झोलाछाप मरीजों की जान से खिलवाड़ करने में जुटे हुए हैं। शहर से दवाएं खरीदकर ले जाते हैं। अपनी अनाधिकृत क्लीनिक में बैठकर मरीजों का इलाज करते हैं और उसी दौरान उन्हेंं दवाएं बेच देते हैं। झोलाछापों के इलाज से कई मरीजों की मौतें हो चुकी हैं, बावजूद इसके प्रशासन इन पर सख्ती नहीं बरत रहा है।
अभी सख्ती के बीच अपनाया जा रहा नया पैंतरा: कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने हालही में थोक दवा दुकानों को निर्देशित किया है कि वह झोलाछापों को दवाएं किसी भी सूरत में न बेचें। यदि ऐसा करते पाए जाते हैं तो संबंधितों के विरुद्ध जुर्माने की कार्रवाई और सजा का भी प्रावधान होगा।
थोकदवा दुकानों से झोलाछापों को दवाएं न दिए जाने के निर्देश जारी किए हैं। यदि इसके बाद भी ऐसा हो रहा है तो मैं दिखवाता हूं।
सुधीर कुमार कोचर, कलेक्टर दमोह
Published on:
16 Oct 2025 01:59 am
बड़ी खबरें
View Allदमोह
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग