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Damoh News : पीआइसी में आए थे 167 प्रस्ताव, डेढ़ महीने बीत गए, नहीं हुआ क्रियान्वयन

शहर विकास के मुद्दों को किया जा रहा दरकिनार, पीआइसी नहीं होने पर कलेक्टर तक ने किया था पत्र जारी, ८ महीने से परिषद भी अटकी

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दमोह

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Samved Jain

Nov 04, 2025

शहर विकास के मुद्दों को किया जा रहा दरकिनार, पीआइसी नहीं होने पर कलेक्टर तक ने किया था पत्र जारी, ८ महीने से परिषद भी अटकी

शहर विकास के मुद्दों को किया जा रहा दरकिनार, पीआइसी नहीं होने पर कलेक्टर तक ने किया था पत्र जारी, ८ महीने से परिषद भी अटकी

दमोह. दमोह नगरपालिका में चल रही प्रशासनिक मनमानी का खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा हैं। दो महीने पहले पीआइसी नहीं होने पर मचे बबाल के बाद कलेक्टर तक ने पत्र लिखकर इसमें हस्तक्षेप किया था, जिसके बाद पीआइसी तो हुई, लेकिन इसमें शहर विकास के लिए आए १६७ प्रस्तावों में से एक पर भी क्रियान्वयन सीएमओ द्वारा नहीं किया गया है। जबकि पीआइसी के डेढ़ महीने बीत चुके हैं, और नियम अनुसार ७ से १० दिन की अवधि में पीआइसी के प्रस्तावों पर सचिव यानि सीएमओ को प्रस्तावों पर क्रियान्वयन शुरू कर देना चाहिए, लेकिन दमोह में ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में एक बार फिर शहर विकास के कार्य अटक गए हैं।

पीआइसी का क्रियान्वयन क्यों हैं जरूरी
पीआइसी में शहर की स्वच्छता, निर्माण, पेयजल और अधोसंरचना से संबंधित १६७ प्रस्तावों को रखा गया था। इनमें से ७० से अधिक प्रस्ताव ऐसे हैं, जो शहर की मौजूदा स्थिति के अनुसार बहुत आवश्यक हैं, इन कार्यों के होने से शहर की दशा बदल सकती हैं। साथ ही स्वच्छता सर्वेक्षण में भी इसका लाभ मिल सकता हैं, लेकिन सीएमओ और पीआइसी सचिव द्वारा अब तक पीआइसी के प्रस्तावों पर क्रियान्वयन करना जरूरी नहीं समझा है, जबकि सीएमओ ने भी पीआइसी कराने पत्रव्यवहार किया था।
पहले परिषद के निलंबन से अटके हैं जरूरी कार्य

इसके पहले फरवरी २०२५ में नगरपालिका ने परिषद की बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें ११ महत्वपूर्ण बिंदू रखे गए थे। इस बैठक का भी विरोध होने पर कलेक्टर ने धारा ३२३ के तहत परिषद का निलंबन कर दिया था। जिसमें कानून व्यवस्था का हवाला दिया गया था। इस बैठक को शासन स्तर से बहाल होना था, लेकिन अब तक कोई खास प्रयास नहीं किए गए, नतीजन ८ महीने से परिषद भी अटकी हुई है। कलेक्टर और सीएमओ के अलावा नगरपालिका अध्यक्ष ने भी इसे लेकर शासन को पत्र व्यवहार किए गए, लेकिन अब तक परिषद की बैठक बहाल नहीं हो सकी है।

इन कार्यों पर अटका है शहर विकास
१ - अधोसंरचना के तहत शहर की सड़कों निर्माण किए जाने का प्रस्ताव।
२- स्वच्छता अभियान पर विशेष फोकस के लिए २० से अधिक कार्यों के प्रस्ताव।
३- भवन नामांतरण, दुकान नामांतरण के प्रकरणों पर स्वीकृतियां के प्रस्ताव।
४- वार्डों के विकास से संबंधी पुराने प्रस्तावों को शामिल कर कार्य करने पर सहमति के प्रस्ताव।
५ - स्वच्छता में लगी मशीनरी की देखरेख और रखरखाव के लिए फिल्टर परिसर में स्टोर बनाने का प्रस्ताव।
६- सभी वार्डों में सड़क, नाली, स्वच्छता के कार्यों पर के प्रस्ताव।
७- पूर्व में लगी निविदाओं के टेंडर खुलने के बाद भी ठेकेदारों द्वारा कार्य नहीं करने पर टेंडर निरस्त करने के प्रस्ताव।
८- अमृत २.० के कार्यों को कराने के प्रस्ताव।
९- बारात घरों के किराया बढ़ाने के प्रस्ताव।

क्या कहते है जिम्मेदार

  • कांग्रेस पार्टी से अध्यक्ष हूं, इसीलिए पदस्थ किए जा रहे अधिकारी दबाव में अधिनियम के अंतर्गत उनको सौंपे गए कर्तव्यों का जानबूझकर निष्पक्षता से पालन नहीं कर रहे हैं। जिससे आम जनता को मूलभूत सुविधाएं भी प्राप्त नहीं हो पा रही हैं। पहले परिषद को निलंबित कर विकास कार्य रोके गए, जो ८ महीने बाद भी बहाल नहीं हो सके। अब पीआइसी के प्रस्तावों का डेढ़ महीनों से क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है।मंजू वीरेंद्र राय, अध्यक्ष नगरपालिका दमोह