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ओडिशा से राजस्थान में गांजा तस्करी; जुड़े हैं चित्तौड़-भीलवाड़ा के तार, ​पुलिस ने किया रैकेट का खुलासा

चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा जिले के तार ओडिशा के विशाखापट्टनम से जुड़े हुए हैं। सबसे पहले चित्तौडग़ढ़ जिले की गंगरार थाना पुलिस तस्करी के इस रैकेट का खुलासा करते हुए दो बार गांजे की बड़ी खेप पकड़ चुकी है।

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गांजा तस्करी में ओडिशा से जुड़े राजस्थान के दो जिलों के तार, पत्रिका फोटो

Ganja Smuggling: चित्तौड़गढ़. मेवाड़ और मालवा से अफीम और डोडा चूरा तस्करी के मामले तो अमूमन सामने आते रहते हैं। लेकिन अब गांजे की तस्करी बड़ी मात्रा में हो रही है। ओडिशा के विशाखापट्टनम से चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा जिले के तार जुड़े हुए हैं। सबसे पहले चित्तौड़गढ़ जिले की गंगरार थाना पुलिस उड़ीसा से गांजा तस्करी के इस रैकेट का खुलासा करते हुए गांजे की बड़ी खेप पकड़ चुकी है।

जानकारी के अनुसार ओडिशा का विशाखापट्टनम गांजा सप्लाई का प्रमुख केन्द्र हैं। जहां से गांजे की खेप ट्रक और अन्य संसाधनों के जरिए चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा जिले में लाई जाती है और वहां से प्रदेश के अन्य इलाकों में तस्करी के जरिए बड़ी मात्रा में गांजे की सप्लाई की जाती है। भीलवाड़ा जिले में भी पुलिस तस्करी के जरिए ले जाया जा रहा गांजा जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अमूमन रात को बारह बजे बाद ही वह गांजे की तस्करी करते हैं। उड़ीसा में स्थायी ठिकाने हैं, जहां से गांजा आसानी से उपलब्ध हो जाता है। यह गांजा चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा लाकर प्रदेश के अन्य हिस्सों में भेजा जाता है। हालत यह है कि कई केबिनों में गांजे की पुड़िया आसानी से उपलब्ध हो जाती है।

पुलिस से बचने के लिए तैयार होते पैकेट

गांजा तस्करी के मामलों में गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस पूछताछ में यह भी खुलासा हो चुका है कि विशाखापट्टनम से गांजे के विशेष पैकेट बनाए जाते हैं, ताकि किसी को संदेह नहीं हो। यह तस्करी कभी दवाइयों की आड़ में तो कभी अन्य माल की आड़ में की जाती है।

पुलिस ने दो बार पकड़ी बड़ी खेप

इसी साल की 22 जनवरी को गंगरार थाना पुलिस को गांजा तस्करी के मामले में बड़ा इनपुट मिला था। सूचना पुता होने पर दाधीच के नेतृत्व में नाकाबंदी के दौरान गुजरात पासिंग नंबर की एक लग्जरी कार से 406 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया था। संभवत: प्रदेश में गांजे की खेप पकड़ने का यह सबसे बड़ा मामला था। पुलिस ने गांजा समेत लग्जरी कार जब्त कर इस मामले में दो तस्करों को गिरफ्तार किया जिनसे पूछताछ में गांजे की तस्करी का खुलासा हुआ।

गंगरार थाना प्रभारी दाधीच ने ही इसके बाद इसी साल 19 अक्टूबर को एक और गांजे की खेप पकड़ी थी। यह खेप उदयपुर पासिंग नंबर के एक ट्रक से पकड़ी गई थी। इस ट्रक में विशाखापट्टनम से 197 किलो 65 ग्राम गांजा तस्करी के जरिए भीलवाड़ा ले जाया जा रहा था। गांजे के पैकेट बनाए हुए थे। गंगरार थाना क्षेत्र में पहुंचते ही थाना प्रभारी दाधीच के नेतृत्व में पुलिस जाप्ते ने ट्रक रुकवाकर जांच की तो उसमें छिपाकर रखे गए गांजे के पैकेट मिले। जिन्हें मय ट्रक जब्त कर लिया गया। इस मामले में दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया। इन आरोपियों ने भी पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि विशाखापट्टनम से तस्करी के जरिए गांजा चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा जिले में लाया जाता है और यहां से विभिन्न स्थानों पर सप्लाई किया जाता है।

दोनों जिलों के जुड़े हैं तार

हमने गांजा तस्करी की दो बड़ी खेप पकड़ी थी। जिससे इस बात का खुलासा हुआ कि चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा जिले के तार गांजा तस्करी को लेकर ओडिशा के विशाखापट्टनम से जुड़े हुए हैं। अब गांजा तस्करी पर विशेष नजर रखनी शुरू कर दी है। मुखबिर तंत्र को भी मजबूत किया है। दुर्गाप्रसाद दाधीच, थाना प्रभारी गंगरार