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नई शराब नीति लागू हो तो पीओएस मशीन रखेगी शराब की बिक्री पर नजर

ग्वालियर. आबकारी विभाग ने वर्ष-2025-26 में नई आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन सात महीने बीतने के बाद भी नई नीति लागू नहीं हो सकी। यदि नई शराब नीति लागू हो जाती तो शायद अवैध शराब की बिक्री पर रोक लग सकती थी।

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नई शराब नीति लागू हो तो पीओएस मशीन रखेगी शराब की बिक्री पर नजर

नई शराब नीति लागू हो तो पीओएस मशीन रखेगी शराब की बिक्री पर नजर

ग्वालियर. आबकारी विभाग ने वर्ष-2025-26 में नई आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन सात महीने बीतने के बाद भी नई नीति लागू नहीं हो सकी। यदि नई शराब नीति लागू हो जाती तो शायद अवैध शराब की बिक्री पर रोक लग सकती थी।
नई नीति के तहत मप्र में सभी शराब दुकानों पर शराब की बिक्री पॉइंट ऑफ सेल (पीओसी) मशीनों से की जाना थी। मशीन के माध्यम से सभी शराब बोतल पर चस्पा एक्साइज एडेहसिव लेबल (ईएएल) को अनिवार्यत: स्कैन कर ही बिङ्क्षलग एवं विक्रय किया जाना था। लेकिन अभी तक प्रदेश में किसी भी दुकान पर पीओसी मशीन नहीं लग सकी है। पीओसी मशीन का टेंडर भोपाल से होना था और ठेकेदार के माध्मय से पूरे प्रदेश की दुकानों पर यह मशीन लगनी थी। बिना पीओसी मशीन के शराब बेचने पर 25 हजार रुपए का प्रावधान रखा गया था।
इसलिए लगना थी पीओसी मशीन
पीओसी मशीन लगाने का फैसला शराब की बिक्री पर नजर रखने के लिए लिया गया है। इससे सरकार को टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह भी पता चल सकेगा कि कौन सी दुकान कितनी शराब बेच रही है। यह पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
मनमानी रेट पर लगता अंकुश
पीओसी मशीन लगाने के बाद शराब दुकान संचालक मनमर्जी के रेट से भी शराब नहीं बेच सकता था। कई बार ठेकदारा अपनी मर्जी से रेट बढ़ाकर बेचते हैं, इस पर भी रोक लग जाती। पीओसी मशीन से शराब बेचने नकली शराब बेचने पर अंकुश लगाया जा सकता था, लेकिन पीओसी मशीन नहीं लगने का पूरा फायदा शराब से संचालक उठा रहे हैं।
लो एल्कोहालिक बीवरेज बार भी नहीं हो सके शुरू
प्रदेश में नवीन श्रेणी में लो एल्कोहालिक बीवरेज बार भी शुरू होना था, लेकिन वह भी अब तक शुरू नहीं को सके। इसकी आड़ में हाईवे के ढाबा संचालक और छोटे रेस्टोरेंट में अवैध रूप से शराब पिलाई जा रही है। ऐसे रेस्टोरेंट में अधिकतक 10 फीसदी अल्कोहल सेवन की अनुमति दी गई है। ऐसे रेस्टोरेंट को शुरू करने के लिए कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ हैं, इसलिए भी इन रेस्टोंरेट के लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं।

नई आबकारी नीति में प्रदेशभर की सभी शराब दुकानों पर पीओसी मशीन लगाना थी, मशीनों की टेंडर प्रक्रिया भोपाल से होना है। लेकिन मशीनों को लगाने को लेकर अभी कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। यदि मशीनों के माध्यम से शराब की बिक्री होती है काफी पारदर्शिता आ जाएगी।

  • राकेश कुर्मी, सहायक आबकारी आयुक्त ग्वालियर