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भारतीय खिलाड़ियों ने अपने ही कोच का किया था बॉयकॉट, टीम मैनेजमेंट को भी लेना पड़ा बड़ा एक्शन

1983 वर्ल्डकप विजेता टीम के सदस्य मदन लाल 1997 के श्रीलंका दौरे पर भारतीय टीम के कोच थे। उस दौरान उन्होंने कुछ खिलाड़ियों की आलोचना कर दी थी, जिसकी वजह से टीम के खिलाड़ियों ने उनसे बात करना बंद कर दिया।

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Indian Cricket Team Dressing Room

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भारतीय क्रिकेट के ड्रेसिंग रुम में कोच का टीम के कप्तान और खिलाड़ियों से रिश्ता हमेशा से ही काफी अच्छा रहा है। पिछले कुछ सालों में यह और भी उभरकर सामने आया है। चाहे वह रवि शास्त्री और विराट कोहली का रिश्ता हो या राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा का। टीम के माहौल को सकारात्मक बनाने में इस रिश्ते का अच्छा होना अहम होता है। लेकिन क्या आप जानते है कि एक बार भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने अपने ही कोच को बॉयकॉट कर दिया था।

कहानी है साल 1997 की जब टीम इंडिया श्रीलंका दौरे पर गई थी और पूर्व क्रिकेटर मदन लाल मुख्य कोच थे। टीम के खिलाड़ियों ने उनसे बात करना बंद कर दिया था। इसका कारण था उनका एक अख़बार को दिया गया इंटरव्यू, जिसमें उन्होंने अपने ही खिलाड़ियों की आलोचना की थी।

प्रमुख खिलाड़ियों के लिए कही थी ये बात

इस घटना के बारे में पूर्व बीसीसीआई मैनेजर रत्नाकर शेट्टी ने अपनी आत्मकथा ‘ऑन बोर्ड- माय ईयर्स इन बीसीसीआई’ में लिखा है। शेट्टी के अनुसार, विवाद तब शुरू हुआ जब 'द हिंदू' ने मदन लाल का एक इंटरव्यू किया था। टीम के कोच मदन लाल ने इस इंटरव्यू में कई खिलाड़ियों की आलोचना की थी। इसमें अजय जडेजा, रॉबिन सिंह, सबा करीम और अनिल कुंबले शामिल थे। ये सभी श्रीलंका दौरे पर भारतीय टीम का हिस्सा थे।

मदन लाल ने इंटरव्यू में अजय जडेजा के लिए कहा था कि उन्हें यह तय कर लेना चाहिए कि वह बल्लेबाज हैं या गेंदबाज। आगे उन्होने बोला कि "आप एक मैच में अच्छा खेलकर अगले पांच में फेल नहीं हो सकते।” रॉबिन सिंह पर उन्होने कहा कि वे इंटरनेशनल लेवल पर अच्छे ऑलराउंडर नहीं बन सकते हैं। वहीं सबा करीम को एक औसत विकेटकीपर बताकर कहा था कि वे अपनी बल्लेबाजी से टीम को मैच नहीं जीता सकते हैं। उस समय के भारत के प्रमुख स्पीनर अनील कुंबले पर भी उन्होने यह कहा कि "मैं उनके प्रदर्शन से खुश नहीं हूं और उन्हें टर्न की बजाय अपनी लाइन- लैंथ पर ध्यान देना चाहिए। इंटरव्यू के अंत में मदन लाल ने कहा, “मुझे पता है कि हम जीत नहीं रहे हैं, लेकिन मैं अकेले क्या कर सकता हूं?”

खिलाड़ियों ने ऐसे किया विरोध

कोच मदन लाल के इस बयान पर टीम के सभी खिलाड़ियों ने उनका जमकर विरोध किया। खिलाड़ियों ने कोच से बात करना बंद कर दिया, जिससे ड्रेसिंग रुम का माहौल और भी बिगड़ गया। सीरीज के पहले मुकाबले में ही अजय जडेजा और मोहम्मद अजहरुद्दीन ने शतक जड़ दिया। इनमें से किसी एक बल्लेबाज ने शतक को सेलिब्रेट करते हुए अपने बैट का हैंडल मीडिया बॉक्स की ओर उठाया, जिसे सीधा कोच की तरफ इशारा माना गया। इस कॉन्ट्रोवर्सी के कुछ महीनों बाद ही मदन लाल को कोच के पद से हटा दिया गया। इस तरह उनका 10 महीनों का विवादास्पद कार्यकाल समाप्त हो गया।


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