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Rajasthan: फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर चुनाव लड़ी महिला सरपंच, अब मिली 3 साल की सजा; जानें पूरा मामला

Rajasthan News: सरदारशहर में स्थानीय एसीजेएम न्यायालय ने आठवीं कक्षा का फर्जी प्रमाणपत्र पेश कर चुनाव लडने के मामले में रंगाईसर ग्राम पंचायत की सरपंच संतोष देवी को तीन वर्ष के कारावास की सजा से दंडित किया है।

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चूरू

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Nirmal Pareek

Oct 16, 2025

NSUI Rajasthan State President Vinod Jakhar and nine other accused denied bail court dismisses plea

फाइल फोटो पत्रिका

Rajasthan News: चूरू जिले के सरदारशहर में स्थानीय एसीजेएम न्यायालय ने आठवीं कक्षा का फर्जी प्रमाणपत्र पेश कर चुनाव लडने के मामले में रंगाईसर ग्राम पंचायत की सरपंच संतोष देवी को तीन वर्ष के कारावास की सजा से दंडित किया है। कोर्ट ने संतोष देवी को फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वाले सरस्वती उच्च प्राथमिक विद्यालय, ढिंगारला (राजगढ़) के प्रधानाध्यापक लीलाधर पूनिया को भी तीन साल की सजा सुनाई है।

मामले के अनुसार उक्त चुनाव में सरपंच पद की प्रत्याशी कमला ने पुलिस थाना, सरदारशहर में इस आशय का परिवाद पेश किया कि रंगाईसर ग्राम पंचायत के सरपंच पद के 1 फरवरी, 2015 को सपन्न हुए चुनावों में संतोष देवी की ओर से निर्वाचन अधिकारी के समक्ष आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होने की मिथ्या घोषणा व फर्जी प्रमाण पत्र पेश किया गया है, जबकि वह आठवीं उत्तीर्ण नहीं है।

पेश किए 15 गवाह

पुलिस की ओर से जांच के बाद मामला सही पाए जाने पर संतोष देवी तथा फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने के आरोपी स्कूल के प्रधानाध्यापक लीलाधर पुत्र सोहनराम निवासी मूंदी बड़ी के विरुद्ध कोर्ट में चालान पेश किया। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 15 गवाह तथा 45 दस्तावेज पेश किए गए।

कोर्ट ने माना गंभीर अपराध

अतिरिक्त मुय न्यायिक मजिस्ट्रेट नवनीत गोदारा ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अपने निर्णय में कहा कि संतोषदेवी इस स्कूल में 1998-99 में आठवीं उत्तीर्ण होना बताई, जबकि उस समय इस विद्यालय को कोई मान्यता ही प्राप्त नहीं थी, न ही अभियुक्ता ने यहां अध्ययन कर कभी आठवीं कक्षा उत्तीर्ण की। अभियुक्ता ने फर्जी प्रमाण पत्र से चुनाव प्रक्रिया में भाग लिया व निर्वाचित भी घोषित हुई, जो गंभीर प्रकृति का अपराध है।

कोर्ट ने दोनों दोषियों को बीएनएस की विभिन्न धाराओं में दोषी मानते हुए तीन-तीन वर्ष के कारावास की सजा से दंडित किया है। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में सहायक अभियोजन अधिकारी डा प्रकाश गढ़वाल ने पैरवी की।