24 जिलो के पशुपालकों को मिली अनुदान राशि,पत्रिका फोटो
चित्तौड़गढ़. मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 24 जिलों में पांच लाख पशुपालकों के खातों में 364 करोड़ 47 लाख रुपए (जनवरी से जुलाई तक) की अनुदान राशि डीबीटी के माध्यम से सीधी जमा करवा दी गई है। इसमें चित्तौडगढ़ जिले के पशुपालकों को 12.1 करोड़ रुपए की अनुदान राशि दी गई है। जनवरी 2025 से जुलाई 2025 तक का 364 करोड़ 47 लाख रुपए के अनुदान का हस्तांतरण किया जा चुका है। योजना के तहत दुग्ध उत्पादकों को सरस डेयरी से संबंधित दुग्ध समितियों को दूध बेचने पर प्रति लीटर 5 रुपए की अनुदान राशि सीधे उनके खातों में दी गई है। इससे लगभग 5 लाख पशुपालक किसानों को लाभ मिला है।
योजना के लिए राज्य सरकार ने बजट वर्ष 2025-26 में 650 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। अजमेर जिले के दुग्ध उत्पादक किसानों को 40 करोड़ रुपए, अलवर के 18.36 करोड़ रुपए, बांसवाड़ा 2.02 करोड़ रुपए, बारां के 49 लाख रुपए, बाड़मेर जिले के 61 लाख रुपए, भरतपुर जिले के 1.69 करोड़ रुपए, भीलवाड़ा के 46.19 करोड़ रुपए, बीकानेर के 11.9 करोड़ रुपए, चितौडग़ढ़ के 12.1 करोड़ रुपए, चूरू के 2.55 करोड़ रुपए, जयपुर के 139 करोड़ रुपए, जैसलमेर के 1.41 करोड़ रुपए, जालोर के 4.17 करोड़ रुपए, झालावाड़ के 2.16 करोड़ रुपए तथा जोधपुर जिले के दुग्ध उत्पादक पशुपालकों के खाते में 10.68 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं। इसी तरह कोटा जिले के दुग्ध उत्पादक पशुपालक किसानों के लिए 8.60 करोड़ रुपए, नागौर के लिए 4.75 करोड़ रुपए, पाली जिले के लिए 10.82 करोड़ रुपए, राजसमंद जिले के लिए 3.41 करोड़ रुपए, सवाई माधोपुर के लिए 1 करोड़ रुपए, श्रीगंगानगर जिले के लिए 18.48 करोड़ रुपए, सीकर के लिए 7.9 करोड़ रुपए, टोंक के लिए 5.93 करोड़ रुपए तथा उदयपुर जिले के पशुपालकों के लिए 10.15 करोड़ रुपए उनके खातों में अनुदान राशि के रूप में जमा कराए गए हैं।
योजना का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना, पशुधन क्षेत्र को मजबूत करना और पशुपालकों की आय में वृद्धि करना इस पहल का मुख्य उद्देश्य है। 24 जिलों के पशुपालकों को 364.47 करोड़ रुपये की राशि खातों में मिली है, जिसका उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देना और पशुपालकों की आय में वृद्धि करना है। यह राशि मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन जैसी योजनाओं के तहत बांटी गई है, जिसका लक्ष्य पशुधन उद्यमों को स्थापित करने में मदद करना और दूध जैसे पशु उत्पादों की मांग-आपूर्ति के अंतर को कम करना है।
मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन के तहत लाभार्थियों को अपना पशुपालन उद्यम स्थापित करने में सहायता दी जाती है। इसका उद्देश्य पशु उत्पादों की आपूर्ति को बढ़ाकर राज्य को "सरप्लस" श्रेणी में लाना है। पशुपालकों को यह वित्तीय सहायता कई योजनाओं के माध्यम से दी जाती है, जिसमें पशु किसान क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री राज्य पशुधन मिशन, नंद बाबा दुग्ध मिशन और पशुपालन लोन योजना शामिल हैं।
Published on:
20 Oct 2025 03:49 pm
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