Share Market Today: भारतीय शेयर बाजार में अक्टूबर से जारी गिरावट के चलते मिडकैप, स्मॉलकैप और माइक्रोकैप इंडेक्स 20% से अधिक टूटकर बीयर फेज में प्रवेश कर चुके हैं। इस गिरावट के दौरान 26 कंपनियां एक लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप क्लब से बाहर हो गई हैं। हालांकि, अब वैश्विक ब्रोकरेज फर्मों को लगने लगा है कि भारतीय बाजार अपने निचले स्तर के करीब पहुंच चुका है और जल्द ही इसमें तेजी देखने को मिल सकती है।
ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म मॉर्गन स्टेनली की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बाजार (Share Market Today) जल्द ही पुनः मजबूती दिखाएगा और आगामी महीनों में सभी उभरते बाजारों (इमर्जिंग मार्केट्स) को पीछे छोड़ देगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह निवेश का उपयुक्त समय हो सकता है, बशर्ते वैश्विक स्तर पर कोई नकारात्मक घटना न हो। मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि भारतीय कंपनियों की अर्निंग्स अगले पांच वर्षों में 12-18% की दर से बढ़ सकती हैं। दूसरी ओर, सिटी रिसर्च का कहना है कि दिसंबर 2025 तक निफ्टी 26,000 के स्तर तक पहुंच सकता है। सिटी रिसर्च के अनुसार, हालिया गिरावट के बाद बाजार में स्वस्थ करेक्शन आया है, जिससे लार्जकैप शेयरों की वैल्यूएशन में सुधार हुआ है। यह विदेशी निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर साबित हो सकता है।
बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा) सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों का वैल्यूएशन अभी भी उच्च स्तर पर बना हुआ है, जिससे इनमें और गिरावट की संभावना बनी हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, लार्जकैप शेयरों की तुलना में स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों (Share Market Today)का प्रदर्शन कमजोर रह सकता है। विश्लेषकों के अनुसार, वर्तमान परिदृश्य में निवेशकों को छोटे शेयरों में निवेश करते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। बाजार में स्थिरता आने तक पोर्टफोलियो को बड़े और मजबूत कंपनियों के शेयरों में शिफ्ट करना एक सुरक्षित रणनीति हो सकती है।
मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन निचले स्तरों से रिकवरी देखने को मिली, जिससे सेंसेक्स, निफ्टी और मिडकैप इंडेक्स मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। हालांकि, स्मॉलकैप और माइक्रोकैप इंडेक्स में गिरावट का दौर जारी रहा।
सेंसेक्स और निफ्टी: हल्की गिरावट के साथ बंद हुए, लेकिन दिनभर के निचले स्तरों से सुधार देखने को मिला।
स्मॉलकैप इंडेक्स: 1.38% की गिरावट के साथ कमजोर प्रदर्शन करता दिखा।
माइक्रोकैप इंडेक्स: 1.99% तक टूट गया, जिससे छोटे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार (Share Market Today) की मौजूदा गिरावट के बावजूद, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) जल्द ही भारतीय बाजार में वापसी कर सकते हैं। भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति और कॉरपोरेट सेक्टर के बेहतर फंडामेंटल्स के चलते वैश्विक निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है। अमेरिका में ब्याज दरों में संभावित स्थिरता और डॉलर इंडेक्स में नरमी आने से उभरते बाजारों में विदेशी निवेशकों की आमद बढ़ सकती है। इससे भारतीय शेयर बाजार को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
लार्जकैप शेयरों को प्राथमिकता दें: वर्तमान स्थिति में मजबूत बैलेंस शीट और स्थिर बिजनेस मॉडल वाली कंपनियों में निवेश करना सुरक्षित हो सकता है। स्मॉलकैप और माइक्रोकैप (Share Market Today) में सावधानी बरतें छोटी कंपनियों के शेयरों (Share Market Today) में गिरावट का दौर जारी रह सकता है, इसलिए इनमें निवेश करने से पहले सतर्क रहें।
लॉन्ग टर्म दृष्टिकोण अपनाएं: बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए निवेशकों को दीर्घकालिक रणनीति अपनानी चाहिए।
वैश्विक संकेतकों पर नजर रखें: अमेरिका में फेडरल रिजर्व की नीतियों, डॉलर इंडेक्स और वैश्विक बाजारों के ट्रेंड पर पैनी नजर बनाए रखें।
Updated on:
19 Feb 2025 10:48 am
Published on:
19 Feb 2025 10:20 am