कहते हैं कि छोटे प्रयास करके ही बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। बॉलीवुड के कई सितारों का भी ऐसा ही मानना है और उन सितारों में शामिल हैं जैकी भगनानी और रकुल प्रीत सिंह। जिन्होंने मुंबई जैसे शहरी क्षेत्र में सीमित स्थान में जैविक सब्जियाँ उगाने की शुरुआत की जो उनके स्वच्छ खानपान, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पण को दर्शाती है। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर उन्होंने खास पत्रिका के साथ शेयर की अपनी इस शुरुआत की कहानी-
लगभग दो साल पहले मुझे जैविक खेती में रुचि हुई। रकुल और मैं स्वच्छ खानपान, स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति बहुत उत्साहित हैं। शोध से पता चला कि अधिक उपज के लिए खेती में इस्तेमाल होने वाले उर्वरकों में रसायनों की मात्रा अधिक होती है, जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। चूंकि हम वही हैं जो हम खाते हैं, हमने अपने उपलब्ध स्थान में किचन गार्डन शुरू किया। मुंबई में बड़े बगीचे नहीं मिलते, लेकिन इच्छा हो तो रास्ता निकलता है। अब हम अपनी खपत के लिए सब्जियां उगाते हैं, और स्वाद व स्वास्थ्य में अंतर साफ दिखता है।
कीटनाशकों और उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से स्वास्थ्य संकट बढ़ रहा है। हमारे लिए निर्णायक पल यह समझना था कि भोजन का स्रोत स्वस्थ होना चाहिए। दूषित सब्जियाँ खाना किसी भी तरह से ठीक नहीं। यही कारण था कि हमने घर पर सब्जियां उगाने की कोशिश शुरू की।
रकुल और मैं हमेशा स्वच्छ खानपान को लेकर सजग रहे हैं। चूंकि सब्जियों में कई विषाक्त पदार्थ होते हैं, घर पर उगाने से मानसिक शांति मिलती है। अब हम जानते हैं कि हमारा भोजन कहां से आता है, इसे कैसे उगाया जाता है, और इसमें क्या जाता है। मैंने यह भी सीखा कि सीमित स्थान में भी कुछ सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती हैं।
हमने अपनी गलतियों से बहुत कुछ सीखा। अब हम जानते हैं कि छोटे पौधों और बड़े पेड़ों को कितना पानी देना है, कितनी खाद डालनी है, और कोमल पौधों को धूप से कैसे बचाना है। शुरुआत में हमारी एक गलती थी कि हमने सब्जियों को खुले आसमान में छोड़ दिया, और पक्षियों ने उन पर दावत उड़ा दी! अब हम पौधों को छायादार स्क्रीन से बचाते हैं।
कंटेनर गार्डनिंग छोटे स्थानों के लिए समाधान है। जड़ी-बूटियां कहीं भी उगाई जा सकती हैं, जैसे खिडक़ी की सिल पर गमलों में। रकुल और मैं ऐसी तकनीकों पर काम कर रहे हैं, जो सभी को कहीं भी बागवानी शुरू करने में मदद करें। जल्द ही हम कुछ रोमांचक समाधान लाएँगे।
बागवानी सीमित संसाधनों में भी हो सकती है। बड़े स्थान की जरूरत नहीं; कंटेनर में सब्जियां उगाई जा सकती हैं। वर्टिकल गार्डनिंग भी एक विकल्प है, हालाँकि इसके लिए विशेष रखरखाव और ज्ञान चाहिए। हमारे लिए जैविक खाद गेम-चेंजर रही। हम लागत-प्रभावी बागवानी समाधानों पर काम कर रहे हैं।
रकुल और मैं सतत जीवनशैली की ओर बढ़ रहे हैं और घर की बागवानी आत्मनिर्भरता और स्वच्छ खानपान का सही कदम है। हम जो उगाते हैं, उसे पकाते हैं—जड़ी-बूटियां, कद्दू, पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, भिंडी, करेला आदि। यह हमारे स्वास्थ्य लक्ष्यों को बढ़ावा देता है।
कुछ भी नहीं से फलने-फूलने तक का सफर देखना अद्भुत है। बीज से सब्जी या फल बनते देखना जादुई है। घर के बैंगन का सलान किसी रेस्तरां के व्यंजन से बेहतर लगता है, क्योंकि सामग्री ताज़ा और पौष्टिक होती है।
कीटनाशक और उर्वरक न इस्तेमाल करने से पर्यावरण, शरीर और स्वास्थ्य को लाभ होता है। यह स्वचालित रूप से पर्यावरण के लिए बेहतर है।
पर्यावरण की रक्षा करें और ग्रह को कुछ लौटाएं। "पर्यावरण है तो हम हैं, इसलिए हमें इसे सुरक्षित, स्वच्छ और साफ रखना चाहिए।" हमारा जीवन और कल्याण ग्रह के स्वास्थ्य से जुड़ा है, इसलिए हमें इसे बेहतर बनाना होगा—अपने लिए और भावी पीढिय़ों के लिए।
Updated on:
06 Jun 2025 02:41 pm
Published on:
05 Jun 2025 07:36 pm