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जिसने खेली खून की होली, उड़ा दिए थे 10 पाकिस्तानी टैंक, भारत माता के सपूत पर बन रही है फिल्म Ikkis

Ikkis Movie Poster Release: शहीद अरुण खेत्रपाल की जयंती पर अपकमिंग फिल्म 'इक्कीस' का मोशन पोस्टर मेकर्स ने रिलीज कर दिया है। आइए आपको उस जांबाज के बारे में बताते हैं।

2 min read

मुंबई

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Saurabh Mall

Oct 14, 2025

Ikkis' Poster

फिल्म 'इक्कीस' का पोस्टर

Ikkis Movie Release Date: देशभक्ति फिल्में देखने के शौकीन हैं, तो अब आपका इंतजार खत्म होने वाला है। बहुत जल्द देशभक्ति से लबरेज फिल्म 'इक्कीस' सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है। मेकर्स ने ‘इक्कीस’ का मोशन पोस्टर जारी कर दिया है।

यह फिल्म 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के उस जांबाज नायक की कहानी है, जिसने सिर्फ 21 साल की उम्र में अपनी जान देश के लिए कुर्बान कर दी थी। उनकी अदम्य वीरता और साहस के लिए उन्हें मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान ‘परमवीर चक्र’ प्रदान किया गया था।

अरुण खेत्रपाल की जयंती पर मोशन पोस्टर रिलीज

मैडॉक फिल्म्स ने इंस्टाग्राम पर मोशन पोस्टर साझा करते हुए लिखा, "अरुण खेत्रपाल की जयंती पर, हम गर्व के साथ 'इक्कीस' की शूटिंग पूरी होने की घोषणा करते हैं। यह फिल्म हमेशा हमारे दिलों में रहेगी। दिनेश विजान और मैडॉक फिल्म्स प्रस्तुत करते हैं 'इक्कीस', जिसका निर्देशन श्रीराम राघवन ने किया है। यह भारत के सबसे कम उम्र के परमवीर चक्र विजेता की सच्ची और अनकही कहानी है। सिनेमाघरों में दिसंबर 2025 को दस्तक देगी।"

पोस्टर में अभिनेता अगस्त्या नंदा सैन्य वर्दी में नजर आ रहे हैं, जो अरुण खेत्रपाल की भूमिका निभा रहे हैं। पोस्टर पर लिखा गया, "वह इक्कीस का था, इक्कीस का रहेगा।"

इस पोस्टर को अभिनेता अभिषेक बच्चन ने भी अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर साझा कर फिल्म के प्रति उत्साह जताया।

'इक्कीस' का निर्देशन मशहूर फिल्मकार श्रीराम राघवन ने किया है, जबकि इसका निर्माण दिनेश विजान और मैडॉक फिल्म्स ने किया है। फिल्म में अगस्त्या नंदा के साथ दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र और जयदीप अहलावत भी प्रमुख भूमिकाओं में दिखाई देंगे।

यह फिल्म 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित है और अरुण खेत्रपाल की शौर्यगाथा को पर्दे पर जीवंत करेगी।

पाकिस्तानी सेना के 10 टैंकों को नष्ट किया

सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल 13 जून 1971 को 17 पूना हॉर्स रेजिमेंट में शामिल हुए। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनकी रेजिमेंट 47वीं इन्फैन्ट्री ब्रिगेड के अधीन थी। बसंतर के युद्ध में खेत्रपाल ने अद्भुत साहस का परिचय दिया।

युद्ध के दौरान अरुण खेत्रपाल ने अपने टैंक से पाकिस्तानी सेना के 10 टैंकों को नष्ट किया। इस दौरान उनके साथी टैंकों को भारी नुकसान हुआ और कई सैनिक शहीद हो गए। फिर भी, खेत्रपाल ने हार नहीं मानी। घायल होने के बावजूद उन्होंने दुश्मनों पर हमला जारी रखा।

उनके अंतिम शब्द, जो रेडियो पर रिकॉर्ड हुए, जिसमें वह कहते हैं, "नहीं सर, मैं अपने टैंक को नहीं छोड़ूंगा। मेरी मेन गन अभी भी काम कर रही है, और मैं इन लोगों को जरूर मार गिराऊंगा।"

16 दिसंबर 1971 को बसंतर के युद्ध में अरुण खेत्रपाल शहीद हो गए। उस समय उनकी उम्र केवल 21 वर्ष थी। उनकी इस वीरता के लिए भारत सरकार ने उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया।