‘महाभारत’ के एक सीन में पंकज धीर। सर्कल में राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन की फोटो
Pankaj Dheer Popularity Polls: बॉलीवुड के लिए आज का दिन अच्छा नहीं रहा। बुधवार,15 अक्टूबर को फिल्म इंडस्ट्री ने एक ही दिन दो अनमोल रत्न खो दिए। पहले खबर आई कि टेलीविजन शो 'महाभारत' में कर्ण की भूमिका निभाने वाले दिग्गज कलाकार पंकज धीर ने दुनिया को अलविदा कह दिया। इसके बाद दूसरी दुखद खबर सामने आई कि मशहूर डांसर-एक्ट्रेस मधुमती का 87 साल की उम्र में निधन हो गया है।
इन दोनों ही दुखद खबर ने सभी को सकते में ला दिया। फिल्म इंडस्ट्री में मातम पसरा हुआ है। एक्टर्स दोनों ही कलाकारों के निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। चलिए अब आपको पंकज धीर के बारे में कुछ ऐसा बताते हैं, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं।
पंकज को आज भी बीआर चोपड़ा की 'महाभारत' में कर्ण के शानदार रोल के लिए जाना जाता है। उनकी डायलॉग डिलीवरी और चेहरे के भावों ने फैंस का दिल जीत लिया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कर्ण का रोल मिलने से पहले पंकज सूर्य पुत्र कर्ण के बारे में कुछ नहीं जानते थे?
पंकज धीर ने भले ही महाभारत में कर्ण का रोल प्ले किया, लेकिन पहले उन्हें अर्जुन के रोल के लिए चुना गया था। एक इंटरव्यू में खुद पंकज ने इस बात का खुलासा किया था कि 3-4 महीनों तक तो वो मुंबई में अर्जुन बनकर घूमे थे क्योंकि ऑडिशन के समय उन्हें अर्जुन का रोल ऑफर हुआ था। पंकज की कद-काठी और चेहरे के बनाव की वजह से उन्हें अर्जुन का रोल मिला, लेकिन फिर 4 महीने बाद उन्हें दफ्तर में बुलाया गया और कर्ण का रोल करने के लिए कहा गया। पहले तो पंकज ने कर्ण का रोल करने से मना किया क्योंकि उन्हें अपनी मूछें हटानी थीं। पंकज को लगता था कि अगर वो मूछें हटा देंगे तो अच्छे नहीं लगेंगे, लेकिन लोगों के कहने पर उन्होंने किरदार करने के लिए हां कर दिया।
टीवी के इतिहास में महाभारत सीरियल ने जो जादू चलाया था, वो आज तक बरकरार है। इस शो से जुड़ा हर किरदार लोगों के दिलों में बस गया। उन्हीं में से एक थे पंकज धीर, जिन्होंने ‘कर्ण’ का किरदार निभाया था।
एक पुराने इंटरव्यू में पंकज ने बताया था कि ‘कर्ण’ का रोल उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट बन गया। इस किरदार ने उन्हें इतनी जबरदस्त लोकप्रियता दिलाई कि उस वक्त हुए पॉपुलैरिटी पोल में वे तीसरे स्थान पर थे। उनसे आगे सिर्फ राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन थे।
दिलचस्प बात यह है कि जब पंकज ने यह रोल साइन किया, तो उन्हें कर्ण के चरित्र या संस्कृत के शब्दों की कोई जानकारी नहीं थी। पहले दिन सेट पर जब उन्होंने डायलॉग बोलने की कोशिश की, तो संस्कृत के कठिन शब्दों ने उन्हें हिला कर रख दिया। फिर किसी ने उन्हें सलाह दी कि वो अखबार और किताबें पढ़कर अपनी हिंदी और उच्चारण सुधारें। धीरे-धीरे उन्होंने अपनी बोली और संवाद डिलीवरी पर ऐसी पकड़ बनाई कि लोग उन्हें असली कर्ण मानने लगे।
‘महाभारत’ में जब कर्ण की मृत्यु का दृश्य प्रसारित हुआ, तो दर्शक भावनाओं में डूब गए। लोगों ने पंकज धीर के निभाए उस किरदार को इतना सच्चा माना कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में हजारों लोगों ने सिर मुंडवा लिए थे। पंकज खुद बाद में वहां गए थे, ताकि उन लोगों से मिल सकें जिन्होंने उनके किरदार के लिए इतना सम्मान दिखाया था।
‘कर्ण’ ने पंकज धीर को सिर्फ पहचान ही नहीं दी, बल्कि उन्हें एक ऐसा स्थान दिलाया जो बहुत कम कलाकारों को नसीब होता है, जहां लोग किरदार को कलाकार से अलग नहीं कर पाते।
Updated on:
15 Oct 2025 08:44 pm
Published on:
15 Oct 2025 07:43 pm
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