
केंद्रीय विश्वविद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त! हॉस्टलों से लापता हो रहे छात्र, तालाब में मिला सड़ा हुआ शव...(photo-patrika)
CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के विवेकानंद हॉस्टल से तीन दिन से गायब छात्र का शव कैंपस के तालाब में ही सड़ी हालत में मिलने से छात्रों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन हर माह परिसर की सुरक्षा पर हर साल करीब 3.60 करोड़ रुपए इगल सुरक्षा कंपनी के 180 सुरक्षा गार्डों पर खर्च कर रहा है, बावजूद इसके हॉस्टलों से छात्रों के गायब होने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।
हाल ही में कैंपस में एक छात्र का शव मिला। छात्र तीन दिन से हॉस्टल से गायब था लेकिन न तो सुरक्षाकर्मियों को पता चला न ही प्रबंधन उसके गायब होने के बारे में जानकारी जुटा पाया। जब एक अज्ञात शव तालाब से निकला और एबीवीपी के छात्रों ने हॉस्टल की जांच कराई तब मामले का खुलासा हुआ। गायब होने के पांच दिन बाद शव की शिनाख्त हो पाई।
करीब डेढ़ साल पहले यूनिवर्सिटी के हॉस्टल से बिना बताए गायब एक छात्र का शव ओडिशा पुरी बीच पर मिला। इसके बाद प्रबंधन को पता चला कि छात्र हॉस्टल से बिना बताए गायब है। उसके परिजन वहीं से शव लेकर चले गए, इसलिए न तो मामला मीडिया में आया न ही छात्र संगठनों को इसकी भनक लगी।
सालभर पहले लॉ विभाग की एक छात्रा ने गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल से बिना बताए भागकर अपने प्रेमी के साथ प्रेम विवाह कर लिया था। परिजन पूछताछ के लिए पहुंचे तो प्रबंधन को जानकारी हुई। वहीं प्रेम विवाह और बालिग होने के कारण कार्रवाई नहीं की गई और मामला दब गया।
यूनिवर्सिटी सुरक्षा के नाम पर 180 गार्ड में से 40-50 गार्ड ही नजर आते हैं, जिनमें कुल मुख्य द्वार, प्रशासनिक भवन, हॉस्टल के आसपास व एक-दो चौराहे पर दिखते हैं। ये सुरक्षा की दृष्टि से केवल ट्रिपल सवारी बाइक पर सवार छात्रों को डंडा दिखाते रहते हैं, बाकी परिसर में क्या हो रहा है, इन्हें कोई मतलब नहीं है।
कैंपस में लगभग 11 हजार से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं । इनमें से बड़ी संख्या में विद्यार्थी हॉस्टलों में रहते हैं। लेकिन परिसर में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और सुरक्षा जांच प्रणाली कमजोर है। सुरक्षा गार्डों के बावजूद विश्वविद्यालय में प्रवेश और बाहर जाने कोई नियंत्रण नहीं है। इधर यूनिवर्सिटी प्रबंधन सुरक्षा गार्ड की टेंडर कॉपी तक उपलब्ध नहीं करा रही है। अनुमानित 180 गार्ड होने की बात कह रही है।
आधी रात को विवि हॉस्टल से बाहर निकल साथी संग बर्थडे सेलिब्रेशन करने निकली जीजीयू की बीटेक छात्रा शैलजा सिंह निवासी जालौन, यूपी की सेंदरी के पास सड़क हादसे में मौत हो गई थी। जबकि साथी छात्र सेल्फर शेट्टी निवासी विशाखापट्टनम गंभीर रूप से घायल हुआ। दोनों रात में जीजीयू कैंपस से बाइक से घूमने निकले थे, तभी ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी। उनके आईकार्ड से पता चला कि वे जीजीयू के छात्र हैं।
कांग्रेस शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि अर्सलान मेधावी छात्र था, आत्महत्या की संभावना कम है, इसलिए घटना संदिग्ध है। वहीं मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया ने कहा कि इस घटना ने छात्रों में भय का माहौल बना दिया है। कांग्रेस नेताओं ने मांग की कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
उधर, एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष शुशांक लक्की मिश्रा ने कहा कि छात्र के लापता होने पर पिता की बार-बार गुहार के बावजूद वार्डन और विवि प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। यह गार्डों की लापरवाही और विवि प्रबंधन की अनदेखी का नतीजा है। इस मामले में एनएसयूआई ने कुलपति के घेराव की घोषणा की है।
इधर, जीजीयू के छात्र अर्सलान अंसारी की मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी ने एसएसपी रजनेश सिंह को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया, पूर्व महापौर रामशरण यादव, प्रमोद नायक, शेख नजीरुद्दीन और प्रवक्ता ऋषि पांडेय सहित अन्य नेता शामिल थे।
ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा का मंदिर न रहकर एक विशेष विचारधारा के प्रचार का केंद्र बन गया है। 21 अक्टूबर से लापता छात्र की गुमशुदगी की जानकारी न होना प्रबंधन, वार्डन और सुरक्षा अधिकारियों की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
Published on:
28 Oct 2025 03:22 pm
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