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जीजीयू भर्ती पर रोक लग सकती है! एनसीटीई नियमों के उल्लंघन का लगा आरोप, जानें क्या है पूरा मामला?

Bilaspur News: गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (जीजीयू) में शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक पद के लिए निकली भर्ती अब विवादों में घिर गई है। विश्वविद्यालय द्वारा 23 मई 2025 को जारी विज्ञापन को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है।

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CG News: एक की जगह 13 तो किसी को दे दिए 19 लाख रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (photo GGU Website)

CG News: गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (जीजीयू) में शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक पद के लिए निकली भर्ती अब विवादों में घिर गई है। विश्वविद्यालय द्वारा 23 मई 2025 को जारी विज्ञापन को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है।

याचिकाकर्ता डॉ. नवीन कुमार चौबे ने अधिवक्ता आशुतोष शुक्ला के माध्यम से याचिका दायर की है और कहा है कि यह विज्ञापन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नियमों का उल्लंघन करता है और इसमें योग्यता को लेकर अस्पष्टता है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास की अदालत में चल रही है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि विश्वविद्यालय ने विज्ञापन में योग्यता के रूप में बी.एड./एम.एड. लिखा है, जबकि एनसीटीई नियम 33(2) के अनुसार बी.एड. और एम.एड. दोनों पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षकों की योग्यताएं अलग-अलग निर्धारित हैं। ऐसे में विज्ञापन में यह स्पष्ट किया जाना चाहिए था कि पद बी.एड. के लिए है या एम.एड. के लिए।

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मामले की सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया कि यह पद एम.एड. के लिए है। इस पर अदालत ने पूछा कि यदि ऐसा है तो विज्ञापन में बी.एड./एम.एड. लिखकर भ्रम क्यों पैदा किया गया। अदालत ने विश्वविद्यालय से यह भी पूछा कि क्या विज्ञापन एनसीटीई के नियमों के अनुरूप है और नियुक्ति शिक्षा विभाग के किस कार्यक्रम के लिए की जा रही है।

2019 से 2024 तक की भर्ती पारदर्शी नहीं

याचिकाकर्ता डॉ. नवीन कुमार चौबे ने बताया कि 2019 और 2024 के विज्ञापनों में भी इसी तरह विषय का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया था, जिससे भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। अब 27 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई में विश्वविद्यालय को अपने पक्ष में जवाब दाखिल करना है। अदालत के निर्देशों से यह तय होगा कि विश्वविद्यालय ने नियमों का पालन किया या नहीं।