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रेलवे मॉक ड्रिल: जामसर स्टेशन के पास ट्रेन के  2 कोच पटरी से उतरे, NDRF-SDRF ने 30 घायलों को निकाला बाहर

Railway Mock Drill: सूचना मिलते ही रेलवे अस्पताल लालगढ़, राजकीय अस्पताल बीकानेर, अग्निशमन विभाग, सिविल पुलिस और स्काउट गाइड संगठन को अलर्ट कर दिया गया। सभी विभागों ने मिलकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।

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Railway Mock drill

रेलवे की मॉक ड्रिल (फोटो-पत्रिका)

बीकानेर। रेलवे विभाग द्वारा गुरुवार को जामसर स्टेशन यार्ड में बड़े स्तर पर आपदा प्रबंधन की मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस संयुक्त अभ्यास में एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF), रेलवे संरक्षा विभाग, पुलिस बल, अग्निशमन विभाग, स्काउट-गाइड संगठन और चिकित्सा टीमें शामिल रहीं। मॉक ड्रिल का उद्देश्य रेल दुर्घटना की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों की तैयारी और विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल की जांच करना था।

अभ्यास के तहत मॉक सिचुएशन तैयार की गई, जिसमें गाड़ी संख्या 19720 के दो कोचों के पटरी से उतरने की काल्पनिक घटना दर्शाई गई। घटना की जानकारी मिलते ही स्टेशन मास्टर ने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद सेल्फ प्रोपेल्ड एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन (SPART) और दुर्घटना राहत गाड़ी (ART) को मौके पर रवाना किया गया। साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी त्वरित कार्रवाई के लिए जामसर स्टेशन पहुंचीं।

घायलों को एंबुलेंस से पहुंचाया गया अस्पताल

सूचना मिलते ही रेलवे अस्पताल लालगढ़, राजकीय अस्पताल बीकानेर, अग्निशमन विभाग, सिविल पुलिस और स्काउट गाइड संगठन को भी अलर्ट कर दिया गया। सभी विभागों ने मिलकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। टीमों ने दुर्घटनाग्रस्त कोचों से करीब 30 घायलों को बाहर निकालकर प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया और घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया।

ये अधिकारी रहे मौजूद

इस दौरान अपर मंडल रेल प्रबंधक रुपेश कुमार, एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडर प्रवीण कुमार, एसडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर बीरबल सिंह, जामसर सिविल इंस्पेक्टर रवि कुमार और सर्किल ऑफिसर नरेंद्र पुनिया सहित कई अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।

सभी एजेंसियों ने किया बेहतर काम

पूरे अभ्यास के दौरान सभी एजेंसियों ने अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन कुशलता से किया। अभ्यास के बाद अधिकारियों ने बताया कि रेलवे के निर्धारित मापदंडों के अनुसार सभी प्रक्रियाएं सही पाई गईं, और यह मॉक ड्रिल सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस अभ्यास से आपात स्थितियों में राहत कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में उपयोगी अनुभव प्राप्त हुआ।