Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Dussehra 2025: पहले कुंभकरण फिर मेघनाथ… बाद में रावण का हुआ अंत, पूरे बीकानेर में ऐसे मनाया गया दशहरे का त्योहार, देखें तस्वीरें

रावण दहन के दौरान आतिशबाजी से आसमान जगमगा उठा, जैसे तारें जमीं पर आ गए। लोगों ने करतल ध्वनि के साथ जयश्री राम का उद्घोष किया। हजारों दर्शकों के बीच पहले कुंभकरण, फिर मेघनाद तथा बाद में रावण के पुतलों का दहन किया गया।

3 min read
Bikaner Dussehra

छतरगढ़ कस्बे में धूं धूं कर जलता रावण का पुतला (फोटो-पत्रिका)

बीकानेर। असत्य पर सत्य की जीत, अधर्म पर धर्म की विजय और बुराई पर अच्छाई के प्रतीक पर्व विजयदशमी ने बीकानेर को गुरुवार को रामायण काल की स्मृतियों में लौटा दिया। चारों ओर जयश्रीराम के उद्घोष गूंजे, झांकियों में रामकथा जीवंत हुई और आसमान आतिशबाजी से जगमगा उठा। रावण के दहन के साथ यह संदेश भी फिर ताजा हुआ कि चाहे दौर डिजिटल युग का हो या त्रेता काल का, अहंकार और अन्याय अंततः राख ही होते हैं।

रावण दहन के दौरान आतिशबाजी से आसमान जगमगा उठा, जैसे तारें जमीं पर आ गए। लोगों ने करतल ध्वनि के साथ जयश्री राम का उद्घोष किया। हजारों दर्शकों के बीच पहले कुंभकरण, फिर मेघनाद तथा बाद में रावण के पुतलों का दहन किया गया। साथ में चल रही श्रीराम के भजनों की सुर लहरियां माहौल को राममय बना रही थीं।

इससे पहले बीकानेर दशहरा कमेटी तथा श्री राम लक्ष्मण दशहरा कमेटी की ओर से सजीव झांकियां निकाली गईं। झांकियां शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई अपने-अपने उत्सव स्थलों तक पहुंचीं। शहर में डॉ. करणी सिंह स्टेडियम, मेडिकल कॉलेज मैदान, मुरली मनोहर धोरा भीनासर और धरणीधर खेल मैदान पर दशहरा उत्सव धूमधाम से मनाया गया।

करणीसिंह स्टेडियम में राम-रावण युद्ध

डॉ. करणीसिंह स्टेडियम में बीकानेर दशहरा कमेटी की ओर से शानदार आयोजन हुआ। राम-रावण युद्ध का मंचन देर तक चला, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद क्रमवार सूर्पणखा, कुंभकरण, मेघनाद और रावण के पुतलों का दहन हुआ। आतिशबाजी के धमाकों और 'जय श्रीराम' के उद्घोष से स्टेडियम गूंज उठा। स्टेडियम खचाखच भरा था और कार्यक्रम के बाद बाहर वाहनों का जाम लग गया।

झांकियों ने बांधा समां

दोनों दशहरा कमेटियों की ओर से चार दर्जन से अधिक सजीव झांकियां निकाली गईं। इनमें राम-लक्ष्मण-सीता, हनुमान, शिव-पार्वती, राधा-कृष्ण, राम-रावण युद्ध, वनवासी राम, बाबा रामदेव, लव-कुश सहित विभिन्न प्रसंगों का जीवंत चित्रण किया गया। वानर सेना और राक्षसों की झलकियां भी दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहीं।

अन्य स्थलों पर भी धूमधाम

मेडिकल कॉलेज मैदान, मुरली मनोहर धोरा भीनासर और धरणीधर खेल मैदान पर भी हजारों लोगों की मौजूदगी में रावण दहन हुआ। धरणीधर मैदान पर दहन के दौरान पुतले से निकले अंगारों और धमाके ने रोमांच बढ़ा दिया। पॉलीटेक्निक कॉलेज मैदान पर भी भव्य झांकियों के बाद लंका दहन हुआ।

रूट पर उमड़ा जनसैलाब

झांकियों ने शहरभर के मुख्य मार्गों से होते हुए उत्सव स्थलों तक पहुंचकर दशहरे का उल्लास हर गली-मोहल्ले में पहुंचाया। रानी बाजार, स्टेशन रोड, बड़ा बाजार, कोटगेट से लेकर मेडिकल कॉलेज सर्कल तक जगह-जगह श्रद्धालुओं ने झांकियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक जेठानंद व्यास, भाजपा नेता महावीर रांका, जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डीपी पच्चीसिया, उद्योगपति सुभाष मित्तल, पुलिस महानिरीक्षक हेमंत शर्मा का कमेटी की ओर से स्वागत किया गया।

मुंह व आंखों से निकले अंगारे

करणी सिंह स्टेडियम में कुंभकरण के पुतले को दोबारा जलाना पड़ा। पहली बार लगाई गई आग थोड़ी देर में बुझ गई। इसके बाद दोबारा आग लगाई। धरणीधर खेल मैदान पर रावण के पुतले के दहन के दौरान अंगारे निकले व धमाका हुआ। पॉलीटेक्निक कॉलेज मैदान में पहले झांकियां निकाली गई और बाद में रावण दहन किया गया।

इन मार्गों से निकलीं झांकियां

झांकियां गंगाशहर पुरानी ट्रांसपोर्ट गली से रानी बाजार, स्टेशन रोड, सट्टा बाजार, ठंठेरा बाजार, भुजिया बाजार, बड़ा बाजार, आचार्य चौक, मरुनायक चौक, मोहता चौक, तेलीवाड़ा चौक, दाऊजी मंदिर रोड, जोशीवाड़ा, कोटगेट, केईएम रोड, बड़ा हनुमानजी, जूनागढ़ के पीछे से होते हुए नगर निगम रोड, तीर्थबं होते हुए करणी सिंह स्टेडियम पहुंचीं। वहीं राम लक्ष्मण दशहरा कमेटी की झांकियां नागणेचीजी मंदिर से मरुधरा कॉलोनी, रानी बाजार औद्योगिक क्षेत्र, चौपड़ा कटला, रानी बाजार, स्टेशन रोड, मॉर्डन मार्केट, तुलसी सर्कल,अम्बेडकर सर्कल एवं मेडिकल कॉलेज सर्कल से होते हुए पॉलीटेक्निक कॉलेज मैदान पहुंचीं।