
500 से अधिक बच्चों ने किया विद्या आरंभ
भोपाल. शहर में वासंती रंग छाया रहा। वसंत पंचमी का दिन शादी सहित मांगलिक कार्यों के लिए अबूझ माना जाता है। इस स्वयंसिद्ध मुहूर्त पर बुधवार को शहर में शादियों की रौनक रही। एक ओर दिन में कुछ संगठनों की ओर से शहर में सामूहिक विवाह सम्मेलन के आयोजन किए गए, तो रात्रि में भी शहर में जगह-जगह बैंड, बाजा, बारात, आतिशबाजी के साथ शादी हॉल, मैरिज गार्डनों में शादियों की रौनक दिखाई दी। 57 साल बाद वेलेंटाइन डे के दिन वसंत पंचमी का पर्व आया था। ऐसे में विवाह के गठबंधन में बंधने वाले कई नवदंपतियों के लिए यह दिन यादगार रहा। इस मौके पर श्रद्धालुओं विद्यादाती मां सरस्वती की आराधना की। मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष माता पिता ने अपने बच्चों को गोदी में बिठाकर मंत्रोच्चार के साथ बच्चों को स्लेट, बत्ती, कॉपी पेन से अक्षर बनाना सिखाकर विद्या आरंभ कराई। शहर के बंगाली कालीबाडि़यों के साथ-साथ अन्य मंदिरों में 500 से अधिक बच्चों का विद्याआरंभ संस्कार हुआ, वहीं गायत्री शक्तिपीठ में 100 से अधिक दीक्षा तो लालघाटी गुफा मंदिर में 123 बच्चों का जनेऊ संस्कार हुआ। शहर में सुबह से ही बासंती रंग छाने लगा था, लोगों ने पीले वस्त्र पहनकर विद्यादात्री मां सरस्वती की पूजा अर्चना की। आश्रमों में वेद पुराणों के साथ-साथ मां सरस्वती का पूजन हुआ, वहीं मंदिरों और घरों में मां सरस्वती को पीले चावल का भोग लगाया गया और धार्मिक अनुष्ठान, हवन हुए। शहर में अनेक स्थानों पर मां सरस्वती की झांकी सजाई गई है, यहां पूजा अर्चना, महाआरती के साथ-साथ अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन संध्या आदि के आयोजन भी हुए।
कालीबाड़ी में सजी झांकी, हाथीखोड़ी कराई
कालीबाडि़यों में भी मां सरस्वती की आकर्षक झांकी सजाई गई और बंगाली रीति रिवाज से पूजा अर्चना हुई। न्यू मार्केट स्थित कालीबाड़ी में सुबह बंगाली समाज के लोगों ने विशेष पूजा अर्चना की, इस मौके पर मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष बच्चों को बिठाकर हाथीखोड़ी ( विद्याआरंभ ) कराई गई। बंगाली कालीबाड़ी के सलिल चटर्जी ने बताया कि जो स्कूल जाने लगते हैं, उनके लिए यह संस्कार कराया जाता है। बंगाल में इसे हाथीखोड़ी कहा जाता है। 30 से अधिक बच्चों का यह संस्कार कराया गया।
गुफा मंदिर में ब्राह्मण बटुको का उपनयन संस्कार
रामानन्द आश्रम गुफा मंदिर में महंत रामप्रवेश दास के सान्निध्य में 123 बटुकों का वैदिक ब्राह्मणों द्वारा उपनयन संस्कार, दीक्षा एवं मां सरस्वती पूजन किया गया। पंडित लेखराज शर्मा ने बताया की सुबह अरणी मंथन कर अग्नि प्रगट कर हवन हुआ । इसके साथ ही गुफा मंदिर में अखंडी धूनी भी स्थापित की गई, जिसका नाम नारायणदास सिद्ध धूनी रखा गया।
गायत्री शक्तिपीठ में महायज्ञ के साथ विभिन्न संस्कार
एमपी नगर के गायत्री शक्तिपीठ में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। इसके साथ ही यहां दीक्षा, विद्याआरंभ सहित विभिन्न संस्कार हुए। गायत्री शक्तिपीठ के रमेश नागर ने बताया कि यहां 100 से अधिक दीक्षा संस्कार और लगभग 200 बच्चों का मंत्रोच्चार के साथ विद्याआरंभ संस्कार किया गया।
संस्कार भारती विद्यापीठ में सरस्वती पूजा, शिवराज भी हुए शामिल
संस्कार भारती विद्यापीठ में वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए, इस मौके पर उन्होंने बच्चों के साथ सरस्वती वंदना की और गायत्री मंत्र के जाप का महत्व समझाया। इस मौके पर स्कूल के सचिव शांतनु शर्मा ने उनका शाॅल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी, शिक्षक और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
मंदिरों में लगी रही भीड़
शहर के मंदिरों में भी दर्शनार्थियों की भीड़ लगी रही। मंदिरों में भी विशेष पूजा अर्चना हुई और पीले व्यंजनों का भोग लगाया गया। शहर के नेवरी मंदिर, बड़वाले महादेव मंदिर, बिड़ला मंदिर, पिपलेश्वर मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भीड़ लगी रही। शहर में जगह-जगह वसंतोत्सव के आयोजन भी किए गए।
Published on:
15 Feb 2024 07:57 pm
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