Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

किसानों को ज्यादा बिजली दी तो कटेगा वेतन, एमपी में कंपनी के आदेश पर मचा हड़कंप

मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने किसानों को ज्यादा बिजली देनेवाले कर्मचारी, अधिकारियों को वेतन काटने की चेतावनी दी

2 min read
Google source verification
Upset over order to deduct salary for providing excess electricity to farmers in MP

कंपनी ने 10 घंटे से ज्यादा बिजली देनेपर वेतन काटने का आदेश दिया- Demo Photo

Bijli- एमपी में जहां एक ओर सीएम मोहन यादव किसानों को पर्याप्त बिजली देने की बात कह रहे हैं वहीं बिजली कंपनी इसका उल्टा करने पर आमादा है। सीएम के निर्देशों की सरासर अव्हेलना करते हुए कंपनी ने किसानों को ज्यादा बिजली देने पर कर्मचारियों, अधिकारियों के वेतन काटने की चेतावनी दे दी है। मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने इस संबंध में बाकायदा पत्र जारी किया है। बिजली कंपनी के इस आदेश से प्रदेशभर में हड़कंप मच गया है। जहां किसान चिंतित हो रहे हैं वहीं कंपनी अधिकारियों, कर्मचारियों की भी बेचैनी बढ़ गई है। इधर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने समाधान योजना के शुभारंभ अवसर पर किसानों को बिजली के लिए पूर्णत: आश्वस्त रहने का भरोसा दिलाया था। उन्होंने साफ कहा था कि किसानों को सिंचाई के लिए कम से कम 10 घंटे बिजली रोजाना मिलना चाहिए। बिजली कंपनी ने सीएम के फरमान की ही धज्जियां उड़ा दीं। कंपनी ने किसानों को ज्यादा बिजली देने पर वेतन काटने का आदेश जारी कर दिया।

मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के चीफ जनरल मैनेजर एके जैन ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि किसानों को एक दिन में 10 घंटे से ज्यादा बिजली देने पर ऑपरेटर से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक का वेतन कटेगा। भोपाल, ग्वालियर , सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, रायसेन, हरदा, विदिशा, अशोकनगर, गुना, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी और दतिया जिलों में यह आदेश भेजा गया है।

उपमहाप्रबंधक (DGM) या महाप्रबंधक (GM) का भी वेतन काट लिया जाएगा

आदेश के अनुसार कृषि फीडर पर ज्यादा बिजली देने पर संबंधित ऑपरेटर का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। फीडर पर लगातार 2 दिन ऐसा होने पर संबंधित जूनियर इंजीनियर का एक दिन का वेतन काटा जाएगा और लगातार 5 दिन तक ज्यादा बिजली देने पर एक्जीक्यूटिव इंजीनियर का वेतन भी काटा जाएगा। इतना ही नहीं, 7 दिन तक ज्यादा बिजली देने की स्थिति में उपमहाप्रबंधक (DGM) या महाप्रबंधक (GM) का भी वेतन काट लिया जाएगा।

आदेश में साफ किया गया है कि किसी भी स्थिति में बिजली ज्यादा नहीं देनी है। पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि मिट्टी की नमी, खराब मौसम या तकनीकी कारणों से लोड बढ़ने पर भी बिजली आपूर्ति तय सीमा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

राज्य सरकार पर निशाना साधा

मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के इस आदेश पर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने मामले में राज्य सरकार पर निशाना साधा। दोनों नेताओं ने इस आदेश का जिक्र करते हुए बीजेपी सरकार को किसान विरोधी करार दिया। सिंगार ने सरकार से पूछा कि क्या प्रदेश के अंदर बिजली की कमी हो गई है! क्या इसी कारण यह आदेश निकाला गया है?