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एमपी के इस अधिकारी के नाम से ही कांपते बाघ के शिकारी, 1500 से ज्यादा को करवा चुके गिरफ्तार

Tiger- एमपी को टाइगर स्टेट यूं ही नहीं कहा जाता। यहां बाघों की संख्या तो सबसे ज्यादा है ही, उन्हें सुरक्षित रखने व शिकारियों से बचाने के लिए भी हर संभव प्रयास किए जाते हैं।

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UN Award to MP State Tiger Strike Force IFS Ritesh Sarothia

UN Award to MP State Tiger Strike Force IFS Ritesh Sarothia

Tiger- एमपी को टाइगर स्टेट यूं ही नहीं कहा जाता। यहां बाघों की संख्या तो सबसे ज्यादा है ही, उन्हें सुरक्षित रखने व शिकारियों से बचाने के लिए भी हर संभव प्रयास किए जाते हैं। इस काम के लिए प्रदेश में विशेष तौर पर स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स बनाई गई है। फोर्स के भारतीय वन सेवा के अधिकारी प्रदेश के उप वन संरक्षक रितेश सरोठिया तो इस मुहिम में मानो प्राण पण से जुटे रहते हैं। उनके नेतृत्व में वन और वन्य-जीव अपराधों में लिप्त एक हजार से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाघ के शिकारी तो रितेश सरोठिया के नाम से ही कांपते हैं। वन और वन्य-जीव अपराध की रोकथाम के लिए केवल राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उन्हें उत्कृष्ट कार्य के लिए जाना जा रहा है। इसके लिए उप वन संरक्षक रितेश सरोठिया को अंतर्राष्ट्रीय अवॉर्ड दिया गया है, उन्हें यूनाइटेड नेशन ने पुरस्कृत किया है।

एमपी के स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स के भारतीय वन सेवा के अधिकारी उप वन संरक्षक रितेश सरोठिया को यूनाइटेड नेशन द्वारा 'द एशिया एनवायरमेंटल इन्फोर्समेंट रिकगनिशन ऑफ एक्सीलेंस अवॉर्ड 2024-25 प्रदान किया गया है। उन्हें यह अवॉर्ड यूएनईपी द्वारा 17 अक्टूबर को थाईलेंड के बैंकाक में हुए वर्चुअल समारोह में दिया गया। खास बात यह है कि इससे पूर्व भी आईएफएस रितेश सरोठिया को 3 बार अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।

देश में वन और वन्य जीवों से संबंधित सीमापार अपराध अन्वेषण में राष्ट्रीय कानूनों के प्रवर्तन में उत्कृष्ट कार्य करनेवाले व्यक्तियों या सरकारी संस्थाओं को यूनाइटेड नेशन द्वारा यह अवॉर्ड दिया जाता है। वन्य-जीव और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, खनिजों और रेत का अवैध व्यापार परिवहन, अपशिष्ट रसायनों, कीटनाशक का अवैध व्यापार, ओजोन क्षयकारी पदार्थ और हाइड्रोफ्लोरोकार्बन के अवैध व्यापार की रोकथाम के लिए यह दिया जाता है।

अवॉर्ड चयन के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ज्यूरी गठित की जाती है। यूएनईपी, इंटरपोल, यूएनओडीसी, वर्ल्ड बैंक, एसआईटीईएस और यूएनडीपी जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं के प्रतिनिधि इसमें शामिल रहते हैं। ज्यूरी द्वारा गहन विचार-विमर्श के बाद यह अवॉर्ड दिया जाता है। इस साल के अवॉर्ड में वन्य-जीवों के अवैध व्यापार पर प्रभावी रूप से नियंत्रण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले भारत चीन, इंडोनेशिया और सिंगापुर की कुल 7 कानून प्रवर्तन संस्था/अधिकारियों को विभिन्न श्रेणी में सम्मानित किया गया है।

वन्य-जीव कानून प्रवर्तन में अहम भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया

मध्यप्रदेश के स्टेट टाइगर फोर्स के प्रभारी के रूप में रितेश सरोठिया को वन, वन्य-जीव कानून प्रवर्तन में अहम भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय वन्य-जीव संगठित गिरोहों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की। गिरोहों का नेटवर्क भारत, चीन, नेपाल, भूटान और म्यांमार तक में फैला है। ऐसे में भी आईएफएस रितेश सरोठिया ने
कई कानून प्रवर्तन संस्थाओं से समन्वय स्थापित कर वन अपराधों में लिप्त सरगनाओं को गिरफ्तार किया। उनके विरुद्ध दर्ज प्रकरण का वैज्ञानिक अन्वेषण कर उन्हें सजा दिलाने का महत्वपूर्ण कार्य किया।

1500 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया

आईएफएस रितेश सरोठिया के नेतृत्व में मध्यप्रदेश स्टेट टाइगर फोर्स द्वारा पिछले कुछ सालों में वन एवं वन्य-जीव अपराधों में लिप्त 1500 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया। वन्य-प्राणी संरक्षण के इस कार्य की सराहना न केवल मध्यप्रदेश या देश में बल्कि देश के बाहर भी की गई है। इंटरपोल द्वारा मध्यप्रदेश एसटीएफ की 4 बार प्रशंसा की जा चुकी है।