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ओला-ऊबर नियमों से चलेंगे नहीं तो प्रदेश में काम बंद

टैक्सी कंपनियों के लगातार बढ़ते कमीशन और डीजल पेट्रोल के दामों को लेकर टैक्सी यूनियन कल्याण समिति सम्पूर्ण भारत द्वारा गुरुवार देर रात से करीब डेढ़ हजार टैक्सी चालकों ने अपनी बंद कर दीं। शुक्रवार को ओला ऊबर के अधिकारियों के साथ आरटीओ भोपाल में एक बैठक हुई, इस बैठक में टैक्सी चालक अपनी मांगे रखीं।

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इस बारे में टैक्सी यूनियन कल्याण समिति सम्पूर्ण भारत जिला अध्यक्ष नफीस उद्दीन ने बताया कि आज हमारी बैठक हुई, इस दौरान शहर के करीब 1500 से अधिक टैक्सी चालकों ने अपनी मर्जी से टैक्सी नहीं चलाई है। बैठक के बाद ही इसको लेकर आगे के निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसमें खास तौर पर हम आज महंगे पैनिक बटन, लगातार पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और कंपनी द्वारा लगातार बढ़ते कमीशन जैसी समस्याओं के बारे में बात रखी।

प्रति किमी. किराया बढ़ाने की रखी मांग
नफीस उद्दीन ने बताया कि इस दौरान ओला ऊबर के अधिकारी मौजूद रहे। क्योंकि लंबे समय से मंहगाई बढ़ रही है तो हमने टैक्सी की प्रीमियम कैटेगरी में 25 रुपए प्रति किमी की मांग की है वही मिनी कैटेगरी में 20 रुपए किमी की मांग की है। इनका अभी तक का किराया पूरी तरह से फिक्स नहीं है, कई बार हमें 8 रुपए तो कई बार हमें 10 रुपए प्रति किमी दिए जाते हैं। वहीं कंपनी के अधिकारियों ने इस मामले में हमसे 15 दिन का समय मांगा है। इसके अलावा हमने नई टैक्सियों को जोड़ने की प्रक्रिया को बंद करने की मांग की है। इसके अलावा हीं हमने यह भी मांग की है कि भोपाल में ओला ऊबर के अधिकारी बैठें, क्योंकि हम अपनी बात कहीं भी नहीं रख पाते हैं, अभी यहां पर कंपनी के अधिकारियों की बजाय कंपनी द्वारा ऐसे लोगों को बिठाया गया है जो कि ना तो हमारी समस्याओं को सुन सकते हैं और ना ही हमारी बात को।


यह परेशानी भी रखी
नफीस उद्दीन ने यहां एक अन्य मामला भी रखा, उन्होंने कहा कि हाल ही में भोपाल से लटेरी के लिए एक कैब बुक की गई, इस गाड़ी को लटेरी में पुलिस द्वारा पकड़ा गया, जहां कस्टमर की बजाय ड्रायवर पर कैस दर्ज किया गया। ड्रायवर को दो महीने जेल में भी रहना पड़ा। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कोई रास्त निकाला जाए, क्योंकि हमें तो बुकिंग ओला या ऊबर के द्वारा मिल रही है। हमें नहीं पता होता है कि कस्टमर के सामना में क्या छुपा हुआ है।