
MP News (फोटो: सोशल मीडिया modify by patrika.com)
MP News: यदि आप लंच और डिनर में पिज्जा, पास्ता, बर्गर, इंस्टेंट नूडल्स, सूप, रेडी टू ईट मील्स और पैक्ड स्नैक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं तो भविष्य में क्रॉनिक डायजेस्टिव कैंसर और गंभीर हृदय रोगी हो सकते हैं। एम्स और गांधी मेडिकल कालेज की एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार हाल के वर्षों में 35 से 50 साल के बीच के लोगों में डायजेस्टिव कैंसर और हृदय रोग के मामले बढ़े हैं। जरूरत से ज्यादा डीप फ्राइड व अल्ट्रा प्रोसेस्ड पैकेज्ड फूड्स का सेवन धूम्रपान जितना ही खतरनाक हैं। इनका शरीर पर धीरे-धीरे असर होता है। जब तक रोग का पता चलता है तब तक स्थिति गंभीर हो चुकी होती है। अध्ययन बताती है कि महानगरों में युवाओं में कोलोरेक्टल यानी आंत के कैंसर की वृद्धि दर तेज हो रही है। इसकी वजह अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का ज्यादा इस्तेमाल है। चिकित्सकों का सुझाव है कि खाद्य उत्पादों की लेबलिंग में पारदर्शिता हो।
1. सी-रिएक्टिव प्रोटीन बढ़ जाता है: रोगियों की फूडिंग हैबिट से पता चला कि इनके भोजन का 60% हिस्सा अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड और पैक्ड स्नैक्स फूड्स से है। इससे बॉडी में हाई-सेंसिटिव सी-रिएक्टिव प्रोटीन का स्तर लगातार बढ़ा रहा। इससे हृदय रोग, कैंसर और मेटाबॉलिक डिजीज पनपते हैं। पिज्जा, बर्गर के ज्यादा सेवन से ब्लड ग्लूकोज बढ़ जाता है, इससे इंसुलिन व कैंसर सेल्स बनते हैं।
2. मेटाबॉलिज्म को करता है असंतुलित: चिकित्सकों के अनुसार, पैक्ड फूड्स को टिकाऊ, स्वादिष्ट व आकर्षक बनाने के लिए कृत्रिम रंग, स्वीटनर्स, फ्लेवर, एडिटिव्स और प्रिजर्वेटिव्स का ज्यादा इस्तेमाल होता है। ये केमिकल्स व आर्टिफिशियल एडिक्टिव्स शरीर के मेटाबॉलिज्म को असंतुलित करते हैं। इससे हृदय रोग, कैंसर व मानसिक बीमारियों का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
3. जंक फूड में कैलोरी और फैट अधिक और फाइबर कम होता है।
4.प्रोसेस्ड फूड में ट्रांस फैट अधिक होता है। यह वसा बहुत ही सघन होता है।
पिज्जा, पास्ता, बर्गर और इंस्टेंट नूडल्स सहित मैदा से बने खाद्य पदार्थ और प्रोसेस्ड फूड में ट्रांस फैट अधिक होता है। यह वसा बहुत ही सघन होता है। इसके हृदय की धमनियों में जमने और धमनियों की दीवार मोटी होने का खतरा होता है। इस कारण कम उम्र में हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
-डॉ. राजीव गुप्ता, कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष, गांधी मेडिकल कॉलेज
प्रोसेस्ड और जंक फूड में कैलोरी और फैट अधिक और फाइबर कम होता है। अप्रत्यक्ष रूप से इनके कारण कैंसर होता है। ऐसे खाद्य पदार्थ के सेवन से मोटापा बढ़ाता है और मोटापा कैंसर का खतरा बढ़ाता है। ऐसे खाद्य पदार्थों में अन्य केमिकल उपयोग किए जाते हैं, लेकिन उनसे नुकसान होने के बारे में अभी पता नहीं चल पाया है।
-डॉ. अंकित जैन, कैंसर विशेषज्ञ, एम्स भोपाल
Published on:
04 Nov 2025 02:26 pm
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