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‘बिजली बिल’ ज्यादा आने की सामने आएगी सच्चाई, बस कर लें ये 1 काम

MP News: गौरतलब है कि स्मार्ट मीटर को लेकर लंबे समय से विवाद की स्थिति बन रही है। लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.....

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: स्मार्टमीटर पर शहरवासियों को पूरा भरोसा अब भी नहीं हुआ है। कंपनी कार्यालयों व ऑनलाइन पोर्टल पर दर्जनों शिकायत इसकी दर्ज हो रही है। ऐसे में उन्हें चेक मीटर की सलाह दी जा रही है। ये एक मीटर होता हे जो स्मार्टमीटर से कनेक्टर कर स्थापित किया जाता है। ये 24 घंटे के लिए लगता है। इसकी रीडिंग और स्मार्ट मीटर की रीडिंग को 24 घंटे के बाद मिलाया जाता है। अंतर आने पर स्मार्ट मीटर की जांच की जाती है। ऐसा नहीं होने पर तय होता है कि स्मार्ट मीटर सही है।

चेक मीटर लगवाने की सुविधा

सितंबर तक शहर में 3219 उपभोक्ताओं ने अपने परिसर में चेक मीटर लगवाए थे। पूरे कंपनी क्षेत्र में इनकी संख्या सात हजार 39 मीटर थी। अब शहर में ये चार हजार के करीब हो चुके हैं। गौरतलब है कि स्मार्ट मीटर को लेकर लंबे समय से विवाद की स्थिति बन रही है। लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

कई क्षेत्रों मे विरोध के चलते मीटर लगाने वाली टीम को लौटना पड़ा है। मामला विधानसभा तक में उठा। ऐसे में स्मार्टमीटर पर भरोसा बढ़ाने के लिए कंपनी चेक मीटर लगवाने की सुविधा दे रही है। उपभोक्ता को इसके लिए अपने संबंधित जोन- डिविजन में आवेदन करना होगा।

जान लें क्या होता है चेक मीटर

चेक मीटर एक अतिरिक्त मीटर है जो मुख्य मीटर की रीडिंग की पुष्टि करने या किसी विशिष्ट उपकरण की खपत को मापने के लिए लगाया जाता है। यह मुख्य रूप से बिजली के बिलों की सटीकता की जांच करने के लिए उपयोग होता है, खासकर जब किसी उपभोक्ता को लगता है कि उसका मीटर तेज चल रहा है। बिजली आपूर्ति कंपनियां बिलिंग की पुष्टि के लिए या यदि कोई ग्राहक पूछता है, तो इसकी आपूर्ति कर सकती हैं।