Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रोजाना 60 से 70 किलो फूलों से खेली जाएगी ब्रज की होली

तैयार किए जाएंगे प्राकृतिक रंग, श्रीनाथ मंदिर में 40 दिन चलेगा उत्सव

less than 1 minute read
Google source verification
रोजाना 60 से 70 किलो फूलों से खेली जाएगी ब्रज की होली

रोजाना 60 से 70 किलो फूलों से खेली जाएगी ब्रज की होली

भोपाल. राजधानी के लखेरापुरा स्थित श्रीजी मंदिर में वसंत पंचमी से होली उत्सव की धूम शुरू होगी। यहां ब्रज की तरह 40 दिन तक यह उत्सव मनाया जाएगा। इसमें विशेष प्रभु श्रीनाथजी को केसर युक्त चंदन, गुलाल, अबीर और चोवा इन चारों से विशेष तौर पर होली खिलाई जाती है। वसंत पंचमी से होली डांडा रोपण तक प्रभु को चार रंग से होली खिलाई जाएगी। पुष्टि मार्ग में प्रभु की सेवा अधिक तौर पर प्राकृतिक वस्तु से ही की जाती है, इसलिए रंग भी टेसू और गुलाल अरारोट से तैयार होगी। सभी गुलाल व रंग मंदिर के अंदर ही तैयार किए जाएंगे।
पांच प्रकार की होली
19 मार्च से लेकर 26 मार्च तक, फूल होली, लड्डू होली, राल दर्शन एवं रंग और इत्र की होली की जाएगी। इसमें लगभग प्रतिदिन 60 से 70 किलो फूलों का उपयोग होली में किया जाएगा।
3 को मनाया जाएगा मंदिर का 264 वां पाटो उत्सव
सप्तमी के दिन 3 मार्च को श्रीजी मंदिर का 264 वां पाटो उत्सव मनाया जाएगा। जिसमें संध्या काल में भव्य फाग महोत्सव होगा। नवमी के दिन प्रभु बगीचे में विराजते हैं इसलिए 9 रंगों से होली खिलाई जाती है। रंगभरी ग्यारस के दिन प्रभु कुंज में विराजते हैं उस दिन प्रभु को 11 अलग-अलग रंगों से होली खेलेंगे। फिर पूर्णिमा और डोल उत्सव के दिन प्रभु को 15 अलग-अलग रंगों से और टेसू के पुष्पों से निर्मित गीले रंग से होली खिलाई जाती है।
एकत्रित फूल और पत्तियों से बनाई जाएगी खाद
श्रीजी मंदिर के मुखिया श्रीकांत शर्मा ने बताया कि इसकी एक विशेष बात यह भी है कि होली में उपयोग होने वाले अधिक फूल व पत्तियों को फेंका नहीं जाता है, उनको खाद बनाने के लिए प्रभु के खेत में भेज दिया जाता है। उपयोग होने वाले फूल इधर-उधर ना फेंके जाएं एवं स्वच्छता का भी ध्यान रखा जाता है।