
जेल की प्रतीकात्मक फोटो
Bank Fraud- एमपी में वरिष्ठ अधिकारियों को तीन-तीन साल की सख्त सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने एक मामले में कड़े तेवर दिखाते हुए अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए अपना फैसला सुनाया। जिला सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक के अधिकारियों को षडयंत्रपूर्वक पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी करने के मामले में यह सज़ा सुनाई गई है। विशेष न्यायालय, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने शनिवार को अधिकारियों को दोषी ठहराया। प्रकरण में शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी डॉ. राम कुमार खत्री और हेमलता कुशवाहा ने सशक्त पैरवी की। भ्रष्टाचार के मामले में अधिकारियों को सख्त सजा की प्रशासनिक हल्कों में व्यापक चर्चा है।
विशेष लोक अभियोजक डॉ. राम कुमार खत्री ने बताया कि विशेष न्यायालय के जस्टिस मनोज कुमार सिंह ने विक्रय अधिकारी हरिहर प्रसाद मिश्रा, सुरेश ममतानी और क्रेता सैयद रुकुद्दीन को धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाया। कोर्ट ने इन तीनों को 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास और प्रत्येक आरोपी को 1,000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
मामला ग्राम बागोनिया, तहसील हुजूर, जिला भोपाल के किसान अख्तर अली की भूमि की अवैधानिक नीलामी से संबंधित है। अधिकारियों ने नीलामी प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए, भूमि को बाजार मूल्य और कलेक्टर द्वारा निर्धारित मूल्य से अत्यधिक कम मूल्यों पर नियम विरुद्ध ढंग से नीलाम कर दिया।
अधिकारियों ने धोखाधड़ी करते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और नीलामी संबंधित नोटशीट के कूटरचित दस्तावेज तैयार किए। ये दस्तावेज़ पुष्टि के लिए संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं, भोपाल को भेजे गए, जहां उनके अवैधानिक रूप से नीलामी की पुष्टि कर दी गई। विचारण के दौरान संयुक्त पंजीयक की मृत्यु हो गई थी।
लिखित सूचना के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने जांच कर अपराध पंजीबद्ध कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। कोर्ट ने साक्ष्य, दस्तावेज़ों और लिखित तर्कों से सहमत होते हुए आरोपियों को दोषी मानते हुए यह दंडादेश पारित किया।
Published on:
01 Nov 2025 05:51 pm
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