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Video: 68 साल से चल रही परंपरा, 31 फीट ऊंचे रावण का दहन

वासंतीय रामलीला: राम-रावण युद्ध का मंचन

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Video: 68 साल से चल रही परंपरा, 31 फीट ऊंचे रावण का दहन

Video: 68 साल से चल रही परंपरा, 31 फीट ऊंचे रावण का दहन

भोपाल. नवरात्रि के दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है, इसी दिन जगह-जगह रावण के पुतले का दहन किया जाता है, लेकिन शहर के छोला दशहरा मैदान में साल में दो बार रावण दहन की परंपरा है जो पिछले 68 सालों से चली आ रही है। इसी के तहत शुक्रवार को यहां रावण दहन किया गया। रामलीला समापन के मौके पर छोला दशहरा मैदान पर रावण दहन किया गया। इससे पहले राम-रावण युद्ध का मंचन किया गया। इसके बाद श्रीराम बने कलाकार ने अग्निबाण से रावण का दहन किया। रावण दहन के बाद रंगारंग आतिशबाजी हुई, जिसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ लगी रही।
वसंती रामलीला मेला समिति छोला मंदिर दशहरा मैदान की ओर से यहां आयोजन किया गया। समिति के विक्रम मीना ने बताया कि 1956 से लगातार यह आयोजन हर साल वसंत पंचमी से किया जाता है। अब भी वसंती रामलीला की परंपरा जारी है। बुराई के प्रतीक स्वरूप 31 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया। उन्होंने बताया कि इसकी शुरूआत हमारे दादा व सूखी सेवनिया गांव के पटेल स्व. जगन्नाथ ङ्क्षसह मीना ने 1956 में की थी। इसके बाद मेरे पिता व सूखी सेवनिया के पूर्व संरपच स्व, श्यामङ्क्षसह मीना ने 1973 से इसकी जिम्मेदारी उठाई।
तीसरी पीढ़ी में कर रहे परम्परा का निर्वाह
वर्ष 1956 को शहर के छोला दशहरा मैदान में वसंत पंचमी के समय रामलीला की शुरुआत की थी। उस वक्त बिजली नहीं हुआ करती थी, इसलिए रात में रामलीला सहित बड़े आयोजनों में गैस बत्ती और मशालों का इस्तेमाल होता था। ऐसे में रामलीला की शुरुआत दिन में की गई, ताकि बिजली नहीं होने का फर्क न पड़े, समय के साथ बदलाव हुए, बिजली, जनरेटर सहित कई सुविधाएं आ गई, लेकिन आज भी छोला दशहरा मैदान में होने वाली वासंतीय रामलीला का आयोजन दिन में ही किया जाता है। इस समय इस रामलीला का संचालन विक्रम मीणा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके दादा स्व. जगन्नाथ ङ्क्षसह ने छोला दशहरा मैदान में साधु संतों और लोगों के साथ इसकी शुरुआत की थी। यह सिलसिला जारी रहा। 1973 में उनकी मृत्यु के बाद समिति का निर्माण किया गया और उनके पुत्र ने इसकी जिम्मेदारी संभाली, इसके बाद 2006 से उनके पोते विक्रम मीणा इस समिति के अध्यक्ष है और वे इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 25 सालों से शिव मंडल रामलीला मंडल की ओर से रामलीला की प्रस्तुति दी जा रही है।