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एआई: अभिमन्यु की तरह गर्भ में पल रहा बच्चा सीखेगा संस्कार

गायनेकोलॉजिस्ट बताएंगी गर्भावस्था के दौरान क्या-क्या बरतें सावधानियां

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एआई: अभिमन्यु की तरह गर्भ में पल रहा बच्चा सीखेगा संस्कार

एआई: अभिमन्यु की तरह गर्भ में पल रहा बच्चा सीखेगा संस्कार

भोपाल. आर्टिफिशियल इंटलीजेंस (एआई) यानी कृत्रिम मेधा के जरिए गर्भ में पल रहे बच्चों को मेधावी बनाया जाएगा। मां के गर्भ में ही बच्चा महाभारत के अभिमन्यु की तरह तमाम संस्कारों को सीख सकेगा। इसके गायत्री शक्ति पीठ महिला गायनेकॉलाज्स्टिों की मदद से गर्भवती महिलाओं को संस्कार की सीख देगा। इसका उद्देश्य गर्भ में ही बच्चों को संस्कृति और मूल्यों की शिक्षा देना है। साथ ही बच्चा बेहतर स्वास्थ्य संस्कार लेकर पैदा हो इसके लिए गर्भवतियों को भी सीख दी जाएगी कि वे गर्भ के दौरान क्या-क्या सावधानी बरतें
ये बताएंगे गर्भवतियों को
गर्भ संस्कार का पहला बैच मार्च से शुरू होगा। इसमें गर्भवती माताओं का पुंसवन संस्कार, गोद भराई, माताओं को गर्भावस्था के दौरान सावधानियां, आचरण, व्यवहार आदि की सीख दी जाएगी। ताकि संतान सुसंस्कारित हो। पुंसवन संस्कार और गर्भवती महिलाओं पर बनी एआइ से बनीं फिल्में प्रोजेक्टर के जरिए दिखाएंगे। जिसमे बताया जाएगा कि गर्भ में बच्चा क्या-क्या सीखता है।
गर्भावस्था संस्कार की पढ़ाई कहां-कहां
- गर्भावस्था में पहनावे, खानपान और कैसा संगीत सुनें इस पर लखनऊ विवि लखनऊ, में 'गर्भ संस्कार’में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स चलाता है।
- अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विवि में गर्भसंस्कार पर तपोवन केन्द्र स्थापित है। माताओं को नि:शुल्क गर्भ संस्कार प्रशिक्षण मिलता है।
- आरएसएस की राष्ट्र सेविका समिति, गर्भ संस्कार गर्भ में ही बच्चे को संस्कार और मूल्य सिखाए जा सकें।
नि:शुल्क कराते हैं संस्कार
गायत्री शक्तिपीठ की महिला पुरोहित माया नागर ने बताया कि गर्भ में ही बच्चों को अच्छे संस्कार मिले और आने वाली पीढ़ी संस्कारित हो, इसके लिए नि:शुल्क पुंसवन संस्कार किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा, महिलाओं द्वारा बरती जाने वाली सावधानी, आचरण आदि के बारे में भी बताया जाता है।
100 से अधिक से संपर्क किया
गा यत्री शक्ति पीठ महिला प्रकोष्ठ की मधु श्रीवास्तव ने बताया कि डेढ़ माह में 100 से अधिक गर्भवती माताओं से संपर्क किया गया है। पिछले साल भोपाल में 530 से अधिक महिलाओं के पुंसवन संस्कार कराए थे। अब नई तकनीक एआइ की भी मदद से विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे। जिसमें सभी महिला पुरोहितों को भी एआइ सिखाई जाएगी। ताकि सटीक और सही जानकारी मिल सके।