नीमराणा का औद्योगिक क्षेत्र। फोटो: पत्रिका
बहरोड़/नीमराणा। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का प्रमुख केंद्र और राजस्थान के सबसे बड़े औद्योगिक हब नीमराणा और घीलोठ की लंबे समय से चली आ रही बिजली की समस्या अब जल्द ही समाप्त होने वाली है।
औद्योगिक विकास की गति को और तेज करने के लिए सरकार ने 150 करोड़ की एक महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत क्षेत्र में तीन नए उच्च क्षमता वाले ग्रिड सब-स्टेशन (जीएसएस) का निर्माण किया जाएगा।
इस व्यापक योजना के अंतर्गत घीलोठ और नीमराणा दोनों औद्योगिक क्षेत्रों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए नए सब-स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं।
घीलोठ औद्योगिक क्षेत्र: यहां एक 220 केवी का बड़ा ग्रिड सब-स्टेशन और एक 33 केवी का सब-स्टेशन बनाया जाएगा। इससे घीलोठ में स्थापित और आने वाली बड़ी औद्योगिक इकाइयों को निर्बाध बिजली मिल सकेगी।
नीमराणा औद्योगिक क्षेत्र: यहां की बढ़ती मांग को देखते हुए 132 केवी क्षमता के दो नए सब-स्टेशन स्थापित होंगे। इनमें से एक सब-स्टेशन इंडियन जोन में और दूसरा विशेष रूप से जापानी जोन में बनाया जाएगा, ताकि विदेशी निवेशकों को भी 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता, मनोज गुप्ता ने बताया कि परियोजना पर कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। नीमराणा के इंडियन जोन में 132 केवी सब-स्टेशन का निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। घीलोठ में 33 केवी सब-स्टेशन का कार्य लगभग पूरा होने वाला है और यह इसी साल नवबर माह से बिजली आपूर्ति शुरू कर देगा, जिससे उद्योगों को तत्काल राहत मिलेगी। संपूर्ण परियोजना के सभी तीन पावर स्टेशनों को जून 2026 तक पूरी तरह से चालू करने का लक्ष्य रखा गया है।
अधीक्षण अभियंता मनोज गुप्ता के अनुसार, इन सब-स्टेशनों के चालू होने के बाद यह क्षेत्र बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा और आगामी दस वर्षों तक ऊर्जा की कोई समस्या नहीं होगी। यह परियोजना न केवल मौजूदा उद्योगों को अघोषित बिजली कटौती, ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज जैसी समस्याओं से निजात दिलाएगी, बल्कि नए निवेश को आकर्षित करने में भी एक महत्वपूर्ण सहयोगी बनेगी।
नीमराणा औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष केजी कौशिक ने कहा कि यह हमारे क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ी सौगात है। लंबे समय से हम बिजली की अनियमित आपूर्ति से जूझ रहे थे, जिससे उत्पादन प्रभावित होता था। इन नए सब-स्टेशनों के बनने के बाद नीमराणा उद्योग क्षेत्र की बिजली की सबसे बड़ी चिंता का निदान हो जाएगा और हम बिना किसी रुकावट के अपना काम कर सकेंगे। यह कदम इस क्षेत्र को एक विश्वस्तरीय औद्योगिक गंतव्य बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
Published on:
13 Oct 2025 02:50 pm
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