Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ये क्या! जमीन में गड़ा धन खोजने 1400 साल पुराना मंदिर खोद डाला, प्राचीन मूर्ति भी कर दी खंडित

MP News : रतवा गांव में स्थित ऐतिहासिक दधीश्वर शिव मंदिर के गर्भगृह में गड़ा धन खोजने की लालच में अज्ञात लोगों ने प्राचीन मंदिर खोद डाला। यही नहीं, यहां नंदी की मूर्ति तक खंडित की गई है।

2 min read
Google source verification

भिंड

image

Faiz Mubarak

Oct 26, 2025

MP News

गड़ा धन खोजने के लिए प्राचीन मंदिर खोद डाला (Photo Source- Patrika)

MP News : मध्य प्रदेश के भिंड जिले के अंतर्गत आने वाले रतवा गांव में स्थित ऐतिहासिक दधीश्वर शिव मंदिर के गर्भगृह में गड़ा धन खोजने की लालच में अज्ञात लोगों ने प्राचीन मंदिर खोद डाला। यही नहीं, यहां नंदी की मूर्ति तक खंडित की गई है। घटना के बाद स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है। फिलहाल, इस मामले में मंदिर के पुजारी ने मौ थाने पहुंचकर अज्ञात लोगों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने की धारा 299 के तहत केस दर्ज कराया है। फिलहाल, पुलिस ने इस गंभीर मामले को जांच में ले लिया है।

बताया जा रहा है कि, इलाके के बियाबान जंगल में स्थित ये मंदिर 1400 साल पुराना है। इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में पृथ्वीराज काल में हुआ था। दधीश्वर मंदिर पहाड़ी के ऊपर स्थित मंदिर में विशाल शिवलिंग और नंदी की प्रतिमा स्थापित है। रतवा गांव के निवासी राधा कृष्णा दुबे नित्य हर सुबह-शाम मंदिर में पूजा करने जाते हैं। शाम को जब वो पूजा करने पहुंच तो सब कुछठीक-ठाक था, लेकिन जब अगली सुबह वो मंदिर पहुंचे तो दरवाजा खेलते ही हैरान रह गए। मंदिर में विशालकाय नंदी की प्रतिमा उखड़ी पड़ी थी और उसके स्थान पर 10 फुट से ज्यादा गहरा गड्ढा बना हुआ था। यानी रात के अंधेरे में बदमाश वारदात को अंजाम दे गए।

विधि विधान से जलाभिषेक कर प्रतिष्ठित करेंगे

मंदिर में हुई खुदाई को देखखर स्थानीय लोगों का अनुमान है कि, अज्ञात बदमाशों द्वारा ये खुदे गड़े धन की खोज में की है। लेकिन, इन असामाजिक तत्वों ने नंदी की प्रतिमा को खंडित कर दिया।

पहले भी हटाई जा चुकी है नंदी प्रतिमा

आपको बता दें कि, ये कोई पहली घटना नहीं, 2 महीने पहले भी नंदी को अपने स्थान से हटाने की कोशिश की गई थी, लेकिन मामले को लेकर शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी। अब स्थानीय निवासी नंदी प्रतिमा को पुनः यथास्थान स्थापित कर सोमवार को विधि विधान से जलाभिषेक कर प्रतिष्ठित करेंगे।