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बीए परीक्षा में विश्वविद्यालय की लापरवाही उजागर, गलत प्रश्नपत्र बांटे, छात्रों में रोष

- महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय ने मानी अपनी गलती, वीसी ने कहा छात्र हित में करेंगे निर्णय - आधुनिक कला साहित्य की जगह स्किल सब्जेक्ट का पेपर बंटा - 20 हजार से अधिक विद्यार्थी हुए प्रभावित, एनएसयूआई ने की कार्रवाई की मांग

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University's negligence exposed in BA exam

University's negligence exposed in BA exam

बीए फोर्थ सेमेस्टर परीक्षा के दौरान महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय की गंभीर लापरवाही सामने आई है। जिले के 27 कॉलेजों में बुधवार को आधुनिक कला साहित्य की परीक्षा में छात्रों को स्किल सब्जेक्ट का प्रश्न पत्र थमा दिया गया। इस गड़बड़ी से 20 हजार से अधिक विद्यार्थी भ्रमित हो गए और कई छात्र परीक्षा छोड़ने को मजबूर हो गए।

छात्रों ने बताया कि जो पेपर बुधवार को होना था, उसकी जगह 11 नवंबर को प्रस्तावित विषय का प्रश्नपत्र दे दिया गया। इस कारण छात्रों को सिलेबस से बाहर के प्रश्नों का सामना करना पड़ा। छात्रों का कहना है कि यह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उधर भीलवाड़ा एमएलवी कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि इसकी जानकारी विश्वविद्यालय के वीसी को कर दी थी। उन्होंने भी इस गलती को स्वीकार करते हुए छात्र हित में निर्णय करने की बात कही है।

एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव का विरोध

एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव जाबेर खान ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की लापरवाही से हर साल छात्रों का नुकसान होता है। परिणाम के समय इन्हीं गलतियों के कारण कई छात्रों को ‘फेल’ घोषित कर दिया जाता है और बाद में री-इवेल्यूएशन के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी गलती सुधारकर छात्रों को राहत नहीं देता है, तो एनएसयूआई की ओर से उग्र आंदोलन किया जाएगा।

छात्र बोले: सिलेबस से बाहर के प्रश्न पूछे गए

आधुनिक कला साहित्य का यह पेपर 70 अंकों का था, लेकिन छात्रों के अनुसार प्रश्नपत्र में स्किल विषय के प्रश्न पूछे गए, जो उनके पाठ्यक्रम में शामिल नहीं थे। कई विद्यार्थियों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब विश्वविद्यालय ने परीक्षा प्रबंधन में गलती की हो।

उधर, शैक्षिक विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षा प्रबंधन में इस तरह की चूकें न केवल विद्यार्थियों के भविष्य पर असर डालती हैं, बल्कि विश्वविद्यालय की साख को भी नुकसान पहुंचाती हैं। प्रशासन को पारदर्शी और जिम्मेदार व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि विद्यार्थियों को अनावश्यक मानसिक दबाव का सामना न करना पड़े।

छात्रों के हित में होगा निर्णय-वीसी

एमएलवी कॉलेज के प्राचार्य संतोष आनन्द ने बताया कि बुधवार को हुए पेपर का नाम आधुनिक कला साहित्य सही थी, लेकिन सवाल किन्ही अन्य विषय के थे। छात्रों की शिकायत के बाद इसकी जानकारी अजमेर एमडीएस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर सुरेश कुमार अग्रवाल को भी मेल करके छात्रों की भावना से अवगत करवा दिया है। अग्रवाल ने माना की यूनिवर्सिटी स्तर पर गलती हुई है। छात्रों के साथ कुठाराधात नहीं होने दिया जाएगा।