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देवउठनी एकादशी से गूंजेंगी शहनाइयां, बाजारों में लौटी रौनक, शुरू हुआ विवाह सीजन

2 नवंबर को तुलसी विवाह के साथ शुभ कार्यों की होगी शुरुआत कपड़े, बर्तन और सजावट के सामान की खरीदारी से गुलजार हुए बाजार सोने-चांदी के दामों में नरमी, सर्राफा बाजार में अब भी सन्नाटा 18 से 30 नवंबर तक मिलेंगे सबसे अधिक विवाह मुहूर्त

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The sound of Shehnai will resonate from Devuthani Ekadashi, the markets have returned to life, the wedding season has begun.

The sound of Shehnai will resonate from Devuthani Ekadashi, the markets have returned to life, the wedding season has begun.

भीलवाड़ा शहर में देवउठनी एकादशी 2 नवंबर के साथ ही एक बार फिर शहनाइयों की गूंज सुनाई देने लगेगी। चार महीने तक चलने वाले चातुर्मास के समापन के साथ ही अब प्रदेशभर में विवाह और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होने जा रही है। शुभ कार्यों की तैयारी में लोग जुट गए हैं और बाजारों में दीपावली के बाद फिर से रौनक लौट आई है।

भगवान विष्णु देवशयन एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक योगनिद्रा में रहते हैं। इस दौरान विवाह और अन्य मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। 2 नवंबर को भगवान विष्णु के जागरण के साथ ही तुलसी विवाह और शुभ कार्यों का सिलसिला शुरू होगा।

दीपावली के बाद फिर बाजारों में रौनक

विवाह सीजन को लेकर शहर के बाजारों में खरीदारी का उत्साह है। रेडीमेड वस्त्र, लहंगा-चुनरी, आभूषण, बर्तन, उपहार सामग्री और सजावट के सामान की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। दुकानदारों के अनुसार लोग इस बार सर्दी के मौसम के अनुरूप फैशन परिधानों की ओर आकर्षित हैं।

बर्तन व्यापार में पांच करोड़ का कारोबार

विवाह सीजन के चलते बर्तन बाजार में भी बिक्री का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। एक बर्तन व्यापारी के अनुसार, पिछले पंद्रह दिनों में करीब पांच करोड़ रुपए का व्यापार हुआ है। पीतल, तांबा और स्टील के बर्तनों की सबसे अधिक मांग है, जिन्हें कन्यादान या उपहार स्वरूप दिया जा रहा है।

सर्राफा बाजार में फिलहाल मंदी

दीपावली के बाद सोने-चांदी के दामों में गिरावट आने से सर्राफा बाजार में सुस्ती बनी हुई है। हालांकि, सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि गहने खरीदने और निवेश करने का यह सबसे उपयुक्त समय है। कई लोग कीमतों में संभावित गिरावट को देखते हुए अभी खरीदारी रोककर प्रतीक्षा कर रहे हैं।

यह हैं विवाह के शुभ मुहूर्त

पंडित अशोक व्यास के अनुसार, देवउठनी एकादशी 2 नवंबर से विवाह मुहूर्तों की शुरुआत होगी। नवंबर और दिसंबर में कई शुभ तिथियां हैं, जबकि 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास (खरमास) के कारण विवाह नहीं हो सकेंगे। नवंबर माह के शुभ मुहूर्त: 18, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29 और 30 नवंबर। दिसंबर माह के मुहूर्त में 4, 10, 11 और 12 दिसंबर को है। 14 जनवरी के बाद से फिर विवाह की शुरुआत होगी जनवरी में 23 जनवरी (बसंत पंचमी) शुभ तिथि रहेगी। फरवरी में 3, 4, 5, 10, 11, 13, 15, 19, 20 और 21 को विवाह संभव होंगे। होली के बाद 6, 9, 10, 11 और 12 मार्च को भी शुभ मुहूर्त रहेंगे।

शहर में तैयारियां चरम पर

विवाह सीजन को देखते हुए शहर के कैटरर्स, टेंट हाउस, बैंड, फोटोग्राफर और पार्लर संचालक भी बुकिंग में व्यस्त हैं। कई स्थानों पर नवंबर के पहले सप्ताह से ही लगातार कार्यक्रमों की शृंखला शुरू हो जाएगी।