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Property Tax Scam: एक ID, दो टैक्स! RTI ने किया प्रापर्टी टैक्स वसूली में गड़बड़ी का खुलासा, जानें पूरा मामला…

Property Tax Scam: भिलाई जिले में नगर निगम, भिलाई में निगम के लीज वाले आवासीय प्लाट में व्यापार करने वालों को पीछे दरवाजे से लाभ पहुंचाया जा रहा है।

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Property Tax Scam: एक ID, दो टैक्स! RTI ने किया प्रापर्टी टैक्स वसूली में गड़बड़ी का खुलासा, जानें पूरा मामला...(photo-patrika)

Property Tax Scam: एक ID, दो टैक्स! RTI ने किया प्रापर्टी टैक्स वसूली में गड़बड़ी का खुलासा, जानें पूरा मामला...(photo-patrika)

Property Tax Scam: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में नगर निगम, भिलाई में निगम के लीज वाले आवासीय प्लाट में व्यापार करने वालों को पीछे दरवाजे से लाभ पहुंचाया जा रहा है। आवासीय प्लाट में व्यापार करने वालों से अब तक निगम व्यवसाय के नाम पर प्रॉपर्टी टैक्स ले रहा था।

वहीं लीज की अवधि खत्म हो रही है, तब व्यवसाय में नवीनीकरण नहीं किया जा सकता है, ऐसे में हितग्राहियों को लाभ पहुंचाने के लिए उनकी आईडी को आवासीय बताकर प्रॉपर्टी टैक्स लिया गया और लीज नवीनीकरण के बाद पुन: व्यवसाय के नाम से प्रॉपर्टी टैक्स लिया जा रहा है।

Property Tax Scam: 1 लाख से अधिक प्रॉपर्टी टैक्स आईडी

नगर निगम, भिलाई में 1 लाख से अधिक प्रॉपर्टी टैक्स की आईडी है। साडा के दौरान क्षेत्र में भूखंड की रजिस्ट्री 1988, 1991, 1992, 1993 में की गई। 2010 के दौरान तात्कालीन आयुक्त राजेश सुकुमार टोप्पो ने प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने वालों की आईडी की जांच की। उन्होंने पाया कि आवासीय प्लाट में व्यापार चल रहा है।

तब उन्होंने सर्वे करवाया। तब कई व्यापारियों ने आवासीय प्लाट में व्यापार करने की वजह से टैक्स भी व्यापार का जमा करना शुरू किया। नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा ने बताया कि आरटीआई के तहत जानकारी निकालने पर साफ हुआ कि एक आईडी में पहले आवासीय के नाम पर प्रॉपर्टी टैक्स लिया गया। इसके बाद व्यवसाय करने लगे और प्लाट में व्यापार करने के नाम पर प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाया।

आरटीआई में हुआ खुलासा

अब लीज नवीनीकरण के लिए फिर आवासीय प्लाट के नाम पर संपत्तिकर जमा किए। वहां व्यापार ही चल रहा है, इस लिए फिर से व्यापार के नाम पर प्रॉपर्टी टैक्स जमा कर दिया गया है। इस तरह से प्रॉपर्टी टैक्स की आईडी के साथ निगम के अधिकारी छेड़छाड़ कर रहे हैं। इस तरह के करीब 20 से अधिक मामले उनके हाथ में हैं।

उन्होंने प्रकरणों को आयुक्त राजीव कुमार पांडेय को जांच के लिए दिए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि 16 मई 2025 को एक आवेदन नगर निगम,भिलाई में लगाया। उसमें एक आईडी की 5 साल की रसीद मांगी गई। वह आईडी 2022-23, 23-24 में कमर्शियल थी। 2024-25 में आवासीय कर दी गई। हते भर मे लीज नवीनीकरण कर दिया गया। इसके बाद इस आईडी की जानकारी लेने फिर से एक आवेदन लगाया, तो उसे लीज नवीनीकरण के बाद पुन: कमर्शियल कर टैक्स लिया

हितग्राही क्यों कर रहे हैं यह काम

लीज में आवासीय प्लाट लेने वाले हितग्राही इस मामले में निगम, भिलाई के अधिकारियों को इस वजह से खुश कर रहे हैं, ताकि उनका नवीनीकरण हो जाए। अगर आवासीय प्लाट में व्यापार किया जाए, तो उसका नवीनीकरण ही नहीं होगा। प्रॉपर्टी टैक्स से साबित हो रहा है कि वहां व्यापार चल रहा है। ऐसे में उनका लीज नवीनीकरण कार्य रुक जाएगा। यही वजह है कि वे निगम के अधिकारियों की बातों को मानकर यह काम कर रहे हैं।