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डीग। राजस्थान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के निधन के बाद मिलने वाली पारिवारिक पेंशन में बड़ा बदलाव किया है। वित्त विभाग ने राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 में संशोधन करते हुए नई व्यवस्था 2025 से लागू कर दी है। संशोधन का उद्देश्य पारिवारिक पेंशन के दुरुपयोग को रोकना और वास्तविक पात्रों को लाभ पहुंचाना है।
पेंशन की पात्रता में नई शर्तों में अब पेंशन केवल उन अविवाहित पुत्रों और पुत्रियों को दी जाएगी जिनकी मासिक आय 12,500 रुपए से कम हो। यदि आय इस सीमा से अधिक हो जाती है या पुत्र/पुत्री विवाह कर लेते हैं, तो वे पेंशन के पात्र नहीं रहेंगे।
सरकार ने दिव्यांग पुत्र या पुत्री के लिए राहत दी है। मानसिक या शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चों की वैवाहिक स्थिति पारिवारिक पेंशन की पात्रता को प्रभावित नहीं करेगी। इसके साथ ही यदि उनकी आय 8,850 रुपए प्रतिमाह (महंगाई राहत सहित) से कम है, तो वे पेंशन प्राप्त करते रहेंगे।
नए नियम के अनुसार, पेंशन प्राप्त करने वाले प्रत्येक पुत्र या पुत्री को हर छह महीने में अपनी वैवाहिक स्थिति और मासिक आय का प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा। इस प्रक्रिया का पालन न करने पर पेंशन रोक दी जाएगी।
सचिव वित्त (नियम शाखा) नवीन जैन ने संशोधन में बताया कि यह संशोधन पारिवारिक पेंशन के दुरुपयोग को रोकने और वास्तविक पात्रों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है। दिव्यांगजनों के लिए विशेष प्रावधान समाज में सुरक्षा और सहारा देने की भावना को बनाए रखते हैं।
राज्य सरकार द्वारा सेवा नियम के तहत नियम 62 व 67 में संशोधन कर आश्रित पुत्र-पुत्रियों के मामले में स्पष्ट व्याख्या कर व आय सीमा को बढ़ाकर राहत दी गई है। इससे पारिवारिक पेंशन का दुरुपयोग रुकेगा और परिवार के वास्तविक पात्रों को लाभ पहुंचेगा।
कोकाराम जैन, सेवानिवृत सहायक लेखाधिकारी
Published on:
23 Oct 2025 12:14 pm
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