
नदबई। राजकीय जिला अस्पताल से सोमवार सुबह एक रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। अस्पताल परिसर स्थित वार्ड के बाहर रखे डस्टबिन से लगभग साढ़े तीन से चार महीने का एक मृत भ्रूण मिलने के बाद पूरे परिसर में हड़कंप मच गया। यह घटना न केवल अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि समाज में लगातार बढ़ रही संवेदनहीनता पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है।
सोमवार सुबह करीब 7:30 बजे अस्पताल में सफाई कर्मचारी (स्वीपर) रोज़ की तरह वार्ड के बाहर लगे डस्टबिन की सफाई कर रहा था। सफाई के दौरान उसकी नजर डस्टबिन में रखी एक अजीब सी वस्तु पर पड़ी। जब उसने पास जाकर देखा, तो वह वस्तु एक मानव भ्रूण निकली। यह दृश्य देखकर स्वीपर स्तब्ध रह गया और उसने तुरंत अस्पताल प्रशासन को इसकी सूचना दी।
घटना की जानकारी मिलते ही नदबई थाना पुलिस और अस्पताल के डॉक्टर मौके पर पहुंचे। एएसआई ज्ञानसिंह के अनुसार भ्रूण को डस्टबिन से निकालकर कब्जे में लिया गया और अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया गया। इसके बाद एक मेडिकल बोर्ड गठित कर भ्रूण का पोस्टमार्टम कराया गया।
अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. शशिकांत शर्मा ने बताया कि भ्रूण एक स्त्री भ्रूण है जिसकी आयु लगभग साढ़े तीन से चार महीने के बीच की है। उन्होंने यह भी बताया कि भ्रूण को किसी अज्ञात व्यक्ति की ओर से अस्पताल के वार्ड के बाहर डस्टबिन में छोड़ा गया है।
अस्पताल प्रशासन की ओर से इस घटना को लेकर नदबई थाना पुलिस में तहरीर दी गई, जिसके आधार पर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है और वहां के स्टाफ से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि भ्रूण किसका था और वहां कैसे पहुंचा।
यह घटना केवल एक आपराधिक कृत्य नहीं, बल्कि समाज की उस गिरती मानसिकता का आईना है जिसमें जीवन के प्रति समान तेजी से खत्म होता जा रहा है। एक निर्दोष भ्रूण को इस बेरहमी से कचरे में फेंक देना न सिर्फ कानूनन अपराध है, बल्कि मानवीय मूल्यों के भी खिलाफ है।
Published on:
15 Apr 2025 10:15 am
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