
गांव तक जाने के लिए है सिर्फ पगडंडी, PC- X
बस्ती। आज़ादी के 78 साल बाद भी अगर किसी गांव में जाने के लिए सड़क न हो, तो इसे विकास कहें या विफलता? उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के परशुरामपुर ब्लॉक का करणपुर गांव इन दिनों चर्चा में है। यहां की तस्वीरें और वीडियो सरकारी दावों की पोल खोल रहे हैं।
गांव की 42 वर्षीय महिला मालती निषाद की इलाज के दौरान लखनऊ के एक अस्पताल में मौत हो गई। परिजन करीब 200 किलोमीटर का सफर तय कर शव को एंबुलेंस से गांव तक तो ले आए, लेकिन गांव के बाहर ही रुकना पड़ा। कारण, गांव तक जाने वाली सड़क ही नहीं है। मजबूर होकर परिजनों ने चारपाई का सहारा लिया और शव को कंधों पर रखकर घर तक पहुंचे।
करणपुर गांव तक पहुंचने का रास्ता कच्चा और बेहद खराब है। संकरा होने की वजह से उस पर बाइक भी ठीक से नहीं चल पाती। एंबुलेंस चालक ने शव को गांव के बाहर ही उतार दिया। इसके बाद परिजन और ग्रामीण शव को चारपाई पर डालकर घर ले गए।
ग्रामीणों का कहना है कि वे कई सालों से अधिकारियों से सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। रोज़मर्रा की दिक्कतों के साथ, दुख की घड़ी में भी उन्हें ऐसी परेशानियों से गुजरना पड़ता है। ग्रामीणों ने इसे "विकास के वादों की असलियत" बताया।
इस पूरे मामले पर ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) विनोद सिंह ने कहा कि गांव में सड़क न होने की जानकारी नहीं थी। अब मामला संज्ञान में आया है, जल्द ही समस्या का समाधान कराया जाएगा।
Published on:
21 Sept 2025 07:13 pm
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