मेडिकल मोबाइल यूनिट की टीम।
ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों को अब फिर से नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी। पांच माह से बंद मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) की सेवाएं पुनः शुरू की गई हैं। यह चलती-फिरती अस्पताल वैन उन लोगों तक पहुंचती है, जहां न तो पीएचसी है और न ही उप स्वास्थ्य केंद्र। बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित होने वाली यह सुविधा अब एमआरएस के बजट से संचालित होगी। मार्च माह के बाद से सेवा बाधित होने से ग्रामीण बड़ी संख्या में उपचार से वंचित रह गए थे। अब सीएमएचओ ने जिले के कोटपूतली, पावटा, विराटनगर व बहरोड़़ ब्लॉक में बंद एमएमएयू को शुरू करने के आदेश जारी किए है।
रोजाना 80 से 100 मरीजों को सुविधा मिलती थी
यह वैन सामान्य बीमारियों की जांच, दवा वितरण, स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता अभियान में अहम भूमिका निभाती है। इसमें तैनात चिकित्सा कर्मी खून, पेशाब व मलेरिया जैसी जांचें कर मरीजों को उपचार देते हैं। वैन के जरिए रोजाना 80 से 100 मरीजों को चिकित्सा सुविधा मिलती थी। पहले एमएमयू का संचालन एनजीओ के माध्यम से किया जाता है। लेकिन टेंडर प्रक्रिया बाधित होने से एनजीओ की नियुक्ति नहीं हो सकी थी, जिससे सेवा बंद हो गई थी। राजस्थान पत्रिका ने समस्या को उजागर किया था। इसके बाद विभाग हरकत में आया और वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर एमआरएस बजट से इसका संचालन शुरू करने के आदेश जारी किए हैं।
वंचित क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा प्रदान करती है एमएमयू
एमएमयू का उपयोग बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं जैसी कमजोर आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए भी किया जाता है। मोबाइल यूनिट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के अलावा, मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयां स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कोटपूतली में एमएमयू का संचालन भालोजी पीएचसी के एमआरएस के बजट से किया जाएगा।
इनका कहना है…
जिले में एमएमयू का संचालन एमआरएस के बजट से शुरू करने के आदेश जारी किए गए हैं। स्टाफ की नियुक्ति होने पर इनका संचालन शुरू किया जाएगा।
-डॉ.आशीष शेखावत, सीएमएचओ कोटपूतली-बहरोड़
Published on:
19 Aug 2025 09:16 pm
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