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15 किलोमीटर दूर बैंक होने से 40 हजार लोगों की जेब पर पड़ रहा ‘बोझ’

बैंक शाखा खोलने की मांग कई बार जनसंवाद और सरकारी शिविरों में उठाई गई, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिला, बैंक आज तक नहीं खुला।

2 min read

बस्सी

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Vinod Sharma

Aug 19, 2025

There is no bank branch in the villages

फाइल फोटो

जयपुर जिले के बस्सी उपखंड के देवगांव क्षेत्र में बैंक सुविधा का अभाव आज भी बड़ी समस्या बना हुआ है। केंद्र व राज्य सरकारें अपनी योजनाओं को बैंकों से जोड़कर आमजन तक लाभ पहुंचा रही हैं, लेकिन देवगांव व आसपास की 6 पंचायतों के 24 गांव अब भी बैंकिंग सुविधाओं से वंचित हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, पेंशन और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ सीधे खातों में भेजा जाता है, लेकिन बैंक नहीं होने से ग्रामीणों को 15 किलोमीटर दूर बस्सी, तूंगा या सांभरिया जाना पड़ता है।

मिला था आश्वासन, अधूरी रही मांग
ग्रामीणों का कहना है कि बैंक शाखा खोलने की मांग कई बार जनसंवाद और सरकारी शिविरों में उठाई गई, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिला। आजादी के आठ दशक बाद भी देवगांव और आसपास के क्षेत्रों में बैंक शाखा न खुलना यहां के लोगों की सबसे बड़ी समस्या है।

24 गांवों की आबादी को नहीं सुविधा
देवगांव और आसपास की 24 गांवों की 40 हजार आबादी आज भी बैंक सुविधा के अभाव से जूझ रही है। समय और धन की बर्बादी से परेशान ग्रामीण अब बैंक शाखा खोलने की मांग को लेकर और मुखर हो रहे हैं। यदि देवगांव में शाखा खुलती है तो न केवल वित्तीय लेनदेन सरल होंगे, बल्कि सरकार की योजनाओं का लाभ भी सीधे आमजन तक पारदर्शिता से पहुंच सकेगा।

व्यापारी, किसान व विद्यार्थियों को समस्या
देवगांव, काशीपुरा, खतैपुरा, मुंडली, दणाऊ कलां और खिजुरिया तिवाड़ीयान पंचायतों के करीब 40 हजार लोग हर छोटे-बड़े बैंकिंग कार्य के लिए 15 किमी दूर बस्सी या तूंगा जाते हैं। ग्रामीणों के अनुसार इससे समय और पैसों दोनों की बर्बादी होती है। सबसे ज्यादा परेशानी व्यापारियों, किसानों, विद्यार्थियों और पेंशनधारियों को झेलनी पड़ रही है। कैशलेस अभियान और डिजिटल इंडिया की पहल से हजारों ग्रामीण बैंकिंग सेवाओं की अनुपलब्धता के कारण जुड़ नहीं पा रहे।

…तो मिलेगा बड़ा लाभ
देवगांव को आसपास के कई गांवों का केंद्र माना जाता है। यहां बैंक शाखा खुलने से देवगांव, काशीपुरा, मूण्डली, खतैपुरा, दणाऊ कलां, शंकरपुरा, विमलपुरा, सवाई जयसिंहपुरा, पीलिया, ब्रहमपुरी, झींझा, रामपुरावास, चैनपुरा सहित दो दर्जन गांवों को राहत मिलेगी। ग्रामीणों का कहना है कि इससे न केवल समय और खर्च बचेगा बल्कि सरकार की योजनाओं का लाभ भी तेजी से पहुंचेगा।

फैक्ट फाइल
-प्रभावित पंचायतें 06
-प्रभावित गांव 24
-आबादी 40 हजार
-पेंशनर 8,500
-छात्रवृत्ति लाभार्थी 4-5 हजार
-निजी शिक्षण संस्थान 15-20
-दुग्ध संग्रहण केंद्र 18
-ई-मित्र कियोस्क 12-15
-पेट्रोल पंप 2

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बैंक शाखा खुले तो मिले सुविधा
पूर्व जिला पार्षद रामजीलाल मीना ने बताया कि व्यापारियों को सबसे अधिक परेशानी होती है। बैंक कार्य के लिए उन्हें प्रतिष्ठान बंद करके दूर जाना पड़ता है। विद्यार्थियों और पेंशनधारियों को भी कठिनाई उठानी पड़ती है। वहीं देवगांव सरपंच बाबूलाल मीणा ने बताया कि देवगांव कई गांवों का केंद्र है। यहां बैंक शाखा खुलने से हजारों लोगों को सुविधा मिलेगी। कई बार अधिकारियों को पत्र भी भेजे गए हैं। ई-मित्र संचालक रामफूल बैरवा ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं और ऑनलाइन कार्यों के लिए हमें दिन में कई बार बैंक जाना पड़ता है। बैंक न होने से अतिरिक्त खर्च और समय दोनों बर्बाद होते हैं।ब्लॉक कांग्रेस उपाध्यक्ष जयराम कुदाल्या ने बताया कि वित्तीय कार्यों के लिए हर बार बस्सी या तूंगा जाना पड़ता है। सरकार को यहां बैंक खोलने पर तुरंत कदम उठाना चाहिए।