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बालोतरा: बारिश के बाद भी लूणी नदी से सीधे रास्ते पर बह रहा पानी, 2 महीने से आवागमन बाधित

नदी में पानी की अधिक आवक होने पर मार्ग लंबे समय तक बंद रहता है। वाहन चालकों और आमजन को तीन से चार किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाकर बाइपास स्टेट हाइवे से गुजरना पड़ता है।

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Luni River

लूणी नदी से सीधे रास्ते पर पानी का बहाव (फोटो- पत्रिका)

समदड़ी: बरसात का मौसम खत्म होने के बावजूद लूणी नदी से निकलने वाले सीधे रास्ते पर बनी रपट पर आज भी पानी का बहाव जारी है। पिछले दो महीने से यहां आवागमन बाधित है।


ऐसे में स्थानीय लोगों की मांग है कि रपट के नीचे बड़े पाइप लगाकर पानी की निकासी की व्यवस्था की जाए, ताकि बहाव रपट के नीचे से होता रहे और आमजन का आवागमन सुचारू रूप से चल सके। यह रपट सिवाना और पाली की दिशा में जाने वाले सीधे रास्ते पर स्थित है।


नदी में पानी की अधिक आवक होने पर यह मार्ग लंबे समय तक बंद रहता है, जिससे वाहन चालकों और आमजन को तीन से चार किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाकर बाइपास स्टेट हाइवे से गुजरना पड़ता है।


बाजार में ग्राहकों की संख्या घट गई


लूणी नदी के सीधे रास्ते से कस्बे के बाजार तक पहुंचने वाला यह मुख्य मार्ग है। रपट पर पानी के बहाव के कारण अधिकांश ग्रामीण और वाहन चालक स्टेट हाइवे से अजीत रोड होकर बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। इससे जीनगर वास से लेकर मुख्य बाजार तक के व्यापार पर बुरा असर पड़ा है। अब इस क्षेत्र में खरीददारों की संख्या घट गई है और करीब 100 से अधिक व्यापारियों का धंधा प्रभावित हो चुका है।


रपट के नीचे पाइप लगाने की उठी मांग


वर्तमान में नदी की बीच रपट पर पानी का बहाव जारी है। ग्रामीणों और वाहन चालकों का कहना है कि यदि प्रशासन इस रपट के नीचे बड़े पाइप डाल दे, तो पानी की निकासी नीचे से होती रहेगी और आवागमन में परेशानी नहीं होगी। इससे लोगों को गोता लगाकर घूमना नहीं पड़ेगा और समय व धन दोनों की बचत होगी।


नदी से सीधा रास्ता पानी की आवक के समय बंद रहता है। इससे हमें तीन-चार किलोमीटर का चक्कर लगाकर दुकान पहुंचना पड़ता है। रपट के नीचे बड़े पाइप डालकर आवागमन सुचारू बनाया जा सकता है।
-जेठाराम माली, व्यापारी


लूणी नदी का सीधा रास्ता बरसात के मौसम में बंद रहने से आधे बाजार का कारोबार ठप हो जाता है। रपट के नीचे बड़े पाइप डाले जाने चाहिए, ताकि ग्रामीण सीधे बाजार तक पहुंच सकें।
-रमेश कुमार, व्यापारी


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