बरेली। मुख्यमंत्री ग्रिड योजना के दूसरे चरण का काम शुरू न हो पाने से नगरवासियों में नाराजगी बढ़ गई है। शासन स्तर पर टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और गाजियाबाद की फर्म को ठेका मिल चुका है, लेकिन नगर निगम के निर्माण विभाग की लापरवाही और कार्यदायी एजेंसी की सुस्ती के चलते अब तक सड़क चौड़ीकरण और अन्य कार्यों का शिलान्यास तक नहीं हो सका।
योजना के दूसरे चरण में कोहाड़ापीर से सूद धर्मकांटा और कुदेशिया फाटक तक दो प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण, फुटपाथ का निर्माण, नालियों और स्टॉर्म वाटर ड्रेन का निर्माण, साथ ही बिजली के पोल हटाकर भूमिगत केबल डालने का काम होना है। इन सभी कार्यों पर करीब 35 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहले चरण में मॉडल टाउन क्षेत्र में काम चल रहा है, लेकिन वहां भी काम की रफ्तार धीमी है, जिससे नागरिकों में योजनाओं को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है।
प्रमुख सचिव ने पहले ही नगर निगम के अधिकारियों को समय पर कार्य शुरू करने को लेकर फटकार लगा दी थी, लेकिन अब तक प्रशासनिक सुस्ती और एजेंसी की देरी से काम शुरू नहीं हो सका। नगरायुक्त संजीव कुमार मौर्य ने कहा कि कार्यदायी एजेंसी को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि निर्धारित समय में काम शुरू करें, अन्यथा जुर्माना लगाया जाएगा।
शहरवासियों का कहना है कि योजनाओं का लाभ समय पर नहीं मिलेगा तो उनका विश्वास सरकारी योजनाओं पर कमजोर हो जाएगा। लोग अब नगर निगम से चाहते हैं कि वह जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाकर और कार्यदायी एजेंसी को दबाव में लेकर सीएम ग्रिड योजना के दूसरे चरण के काम को धरातल पर उतारे, ताकि शहर की सड़कें और बुनियादी ढांचा समय पर सुधारा जा सके।
Published on:
16 Oct 2025 07:47 pm
बड़ी खबरें
View Allबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग