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जिले में लगातार बारिश से सोयाबीन, मक्का तथा उड़द में व्यापक नुकसान, किसानों में निराशा

प्राथमिक अनुमान के अनुसार सोयाबीन में करीब 15 से 16 हजार हैक्टेयर में खराबे का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं मक्का की फसल में करीब 6 हजार तथा उड़द में 2 हजार से अधिक हैक्टेयर में नुकसान अनुमानित है।

बारां

Mukesh Gaur

Aug 05, 2025

प्राथमिक अनुमान के अनुसार सोयाबीन में करीब 15 से 16 हजार हैक्टेयर में खराबे का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं मक्का की फसल में करीब 6 हजार तथा उड़द में 2 हजार से अधिक हैक्टेयर में नुकसान अनुमानित है।
source patrika photo

खरीफ : 2.82 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी विभिन्न फसलों की बुवाई

बारां. जिले में मानसून की शुरुआत से ही लगातर हुई बरसात ने सभी जलस्रोतों को तो लबालब कर दिया। लेकिन किसानों को भारी निराशा में लाकर खड़ा कर दिया। जिले में इस बार कुल जोत 3.35 लाख हैक्टेयर में से 2.82 लाख हैक्टेयर में खरीफ की विभिन्न फसलो की बुवाई हो पाई थी। लगातार हुई बरसात ने बोई गई फसलों को भी चौपट कर दिया। केवल धान की फसल से ही उम्मीद बची हुई है। हालांकि धान भी बुवाई भी लक्ष्य के मुकाबले आधी ही हो पाई। जिला प्रशासन ने फसलों में हुए खराबे का सर्वे करवाना शुरु कर दिया है।

फूल आने की संभावना भी धूमिल

जिले में इस सीजन में करीब 1.55 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई की गई थी। इसकी बुवाई की उम्मीद 1.89 लाख हैक्टेयर होने की उम्मीद थी। लेकिन बा नहीं आने के कारण बुवाई ही नहीं हो पाई। अधिक बरसात से इसमें काफी फसल का तो बीज ही दब गया। वही कई खेतों में जलभराव से उगी फसल नष्ट हो गई। अब जो ढालू खेतों में शेष बची है। उसमें भी फूल आने की संभावना को नकारा जा रहा है।

बढ़ रहा था खरीफ पर किसानों का रुझान

खरीफ की फसलो में किसानों का मक्का की ओर भी रुझान बढऩे लगा था। इस बार जिले में करीब 81 हजार हैक्टेयर में मक्का की बुवाई हो चुकी थी। हालाकि इसमें भी बुवाई का आंकड़ा 91 हजार हैक्टेयर तक पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन बरसात ने सब चोपट कर दिया। वही धान की रोपाई व बुवाई भी करीब 32 हजार हैक्टेयर में ही हो पाई है। जबकि 60 हजार हैक्टेयर तक बुवाई होने की उम्मीद जताई जा रही थी। किसानंो को बाद में धान की पौध ही नही मिल पाई इस कारण कई किसान चाह कर भी रोपाई नहीं कर पाए, वहीं बीज की स्थिति तो लगभग खत्म हो गई। जिले में उड़द की करीब 8 से 9 हजार हैक्टेयर में बुवाई हुई थी, उसमें भी व्यापक खराबा हुआ है।

जिले को आपदाग्रस्त घोषित करने की मांग

किसान महापंचायत के प्रदेश संयोजक सत्यनारायण ङ्क्षसह ने बताया कि खरीफ की फसलो में अतिवृष्टि से व्यापक नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि सोयाबीन की फसल 70 फीसदी से अधिक खराब हो चुकी है। शुरुआती दौर में ही बरसात से कई खेतो में तो बीज ही दब गया। वहीं जो फसल बच भी जाएगी तो उसमें न तो फूल आएंगे न ही फलियां बनेंगी। मक्का में शुरुआती बुवाई की गई फसल में 50 फीसदी खराबा हो चुका है तो बाद की बुवाई वाली मक्का में 70 फीसदी से अधिक खराब हो चुकी है। उन्होंने उड़द की फसल को तो सौ फीसदी नष्ट होना बताया है। ङ्क्षसह ने जिले को आपदाग्रस्त घोषित करने की मांग करते हुए कहा कि किसानों को आपदा प्रबंधन विभाग से प्रति दो हैक्टेयर 17 हजार रुपए के अनुसार मुआवजा दिलवाया जाना चाहिए। वही फसल बीमा कंपनियों से भी नष्ट हुई फसलो का व्यापक सर्वे करवाकर मुआवजा दिलाने जाने की मांग की है।

जिले में फसलों के खराबे का सर्वे शुरु

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक धनराज मीणा ने बताया कि जिले में लगातार हुई बरसात से हुए फसलों में खराबे को लेकर प्रशासन संवेदनशील है। फसलो में खराबे का सर्वे शनिवार से शुरु करवा दिया गया है। सर्वे की जिला कलक्टर ने पांच दिन में सर्वे कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए है। सर्वे के लिए गठित कमेटी में राजस्व विभाग के पटवारी या गिरदावर, कृषि विभाग के कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी तथा बीमा कम्पनी का प्रतिनिधि एवं संबधित प्रभावित किसान शामिल रहेगा।

आधे खेत अभी भी बने हुए हैं तालाब

जिले में लगातार हुई बरसात से हालात इतने बदत्तर हुए कि पानी ने रुकने का नाम ही नही लिया। इसके चलते जहां पानी की निकासी नही हो सकी ऐसे कई खेत अभी भी तालाब बने हुए है। हालांकि इस स्थिति में जिन खेतो में धान की फसल है, उनमें तो फिर भी उम्मीद है। लेकिन अन्य खेतों में फसलें चौपट हो गई है।

24000 हैक्टेयर में खराबा

कृषि विभग के संयुक्त निदेशक धनराज मीणा ने बताया कि जिले में इस बार हुई लगातार बरसात से फसलो मे व्यापक खराबा हुआ है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक अनुमान के अनुसार सोयाबीन में करीब 15 से 16 हजार हैक्टेयर में खराबे का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं मक्का की फसल में करीब 6 हजार तथा उड़द में 2 हजार से अधिक हैक्टेयर में नुकसान अनुमानित है। हालांकि स्थिति सर्वे के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।