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ACB Action: धनतेरस पर 2.5 लाख रुपए की रिश्वत लेते 2 सरकारी कर्मचारी ट्रैप, बारां कार्यालय से स्कूटी में राशि रखकर जा रहा था घर

ACB Trap 2 Baran Employee: शिकायतकर्ता से उवेश शेख ने अपने कार्यालय में 2 लाख 50 हजार रुपए रिश्वत के रूप में लिए। रकम लेने के बाद उसने नोटों को कार्यालय परिसर में खड़ी अपनी स्कूटी की डिक्की में रखा और वहां से रवाना होने लगा।

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फोटो: पत्रिका

Baran Muncipal Council And Assistant Fire Officer Bribe Case: धनतेरस के दिन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर परिषद बारां के आयुक्त मोती शंकर नागर और सहायक अग्निशमन अधिकारी उवेश शेख को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। दोनों अधिकारी 2 लाख 50 हजार रुपए की रिश्वत ले रहे थे।

शिकायत के आधार पर हुई कार्रवाई

एसीबी को 9 अक्टूबर को एक शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे व्यापार में परेशान नहीं करने के बदले आरोपियों द्वारा 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है। इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए 15 और 17 अक्टूबर को रिश्वत मांगने का सत्यापन कराया गया। सत्यापन सही मिलने पर आगे की कार्रवाई की तैयारी की गई।

एसीबी मुख्यालय और कोटा इकाई की संयुक्त योजना

जयपुर स्थित एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर कोटा इकाई को कार्रवाई सौंपी गई। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई सीनियर अफसरों की निगरानी में की गई। कोटा एसीबी के उप महानिरीक्षक पुलिस आनंद शर्मा के सुपरविजन में पूरी योजना बनाई गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार के निर्देशन में ट्रैप टीम गठित की गई।

कार्यालय में ली रिश्वत, स्कूटी की डिक्की में रखी रकम

उप अधीक्षक पुलिस ताराचंद के नेतृत्व में ट्रैप की कार्रवाई की गई। शिकायतकर्ता से उवेश शेख ने अपने कार्यालय में 2 लाख 50 हजार रुपए रिश्वत के रूप में लिए। रकम लेने के बाद उसने नोटों को कार्यालय परिसर में खड़ी अपनी स्कूटी की डिक्की में रखा और वहां से रवाना होने लगा।

इसी दौरान एसीबी टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। टीम ने तुरंत उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद नगर परिषद के आयुक्त मोती शंकर नागर को उनके सरकारी निवास से डिटेन किया गया।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज

एसीबी ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के मोबाइल, दस्तावेज और संबंधित रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। एसीबी की टीम जल्द ही मामले की अगली कार्रवाई करेगी।