ग्रामीणों का आरोप, प्रशासन बेखबर, फूलबड़ौदा गांव का मामला
कवाई. फूलबड़ौदा गांव में दूषित पेयजल के चलते पिछले 6 दिनों में अब तक कुल 71 ग्रामीण बीमार होकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए हैं। इनमें से गुरुवार को चार अभी भी एक्टिव बताए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जो सैंपल लिए, उनकी जांच रिपोर्ट से भी इसकी पुष्टि हुई है।
नहीं ली सुध
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन के किसी भी अधिकारी, कर्मचारी या जनप्रतिनिधि ने उनकी खैर खबर नहीं ली। न ही पेयजल व्यवस्था में किसी तरह का बदलाव किया। यहां तक कि अब तक इस गांव में पेयजल की कोई उचित व्यवस्था ही सरकार द्वारा नहीं की जा रही है। उधर, छीपाबड़ौद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 26 जुलाई से 31 जुलाई के बीच करीब 71 मरीज अस्पताल पहुंचे थे जिनमें से 41 मरिज उल्टी-दस्त के थे। बाकी सर्दी जुकाम के थे। दूषित पेयजल के चलते उल्टी दस्त के वर्तमान में चार मरीज एक्टिव हैं, इनमें से तीन को घर पर ही दवाई दी जा रही है। एक छबड़ा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती है।
स्वास्थ्य विभाग चेता
पेयजल से बिमार होने की बात सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीम गठित कर फुल बड़ौदा गांव में भेजा था। इसने पेयजल के सैंपल लिए। इसकी रिपोर्ट आ जाने पर यह भी पुष्टि हो गई कि उक्त ट््यूबवेल का पानी पीने योग्य नहीं है। कुल 71 मरीज अस्पताल पहुंले हैं, इनमें से 41 उल्टी-दस्त के हैं। ग्रामीणों के अनुसार इनमें बच्चे, महिलाएं व पुरुष सहित सभी वर्ग के मरीज शामिल हैं।
पानी का रिसाव कारण
पहली दफा 26 जुलाई को जब गांव में एक साथ एक ही बीमारी के अधिक मरीज सामने आए तो उसकी पड़ताल शुरू की गई। इसमें पता चला कि गांव में एक ट््यूबवेल है जो गंदगी के समीप है इसमें गंदे पानी का रिसाव हो रहा है जिसको लोग पीने के काम में लेते हैं। इसके चलते गांव में अब तक करीब छह दर्जन से अधिक लोग बीमार हो गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार इस गांव में ग्राम पंचायत ने चार और अदानी ने एक नलकूप लगवाया था। इस पर किसी ने कब्जा किया हुआ है। एसएमएस यहां के निवासी पेयजल के लिए परेशान हैं। लोग जिस नलकूप से पानी पी रहे हैं। वहां गंदगी के पानी का रिसाव होने से पानी दूषित हो रहा है। इससे लोग बीमार हो रहे हैं।
फूलबड़ौदा गांव के अब तक कुल 71 मरीज अस्पताल आए थे। इनमें से 41 मरीज उल्टी-दस्त के थे गांव में एक नलकूप गंदगी के बीच लगा हुआ है। इससे गंदे पानी का रिसाव हो रहा है। पानी का सेंपल लेकर भेजा था इसमें यह पुष्टि हो गई कि उसका पानी पीने योग्य नहीं है।
डॉ.हरि मीना, ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी, छीपाबड़ौद
Published on:
01 Aug 2025 12:41 pm