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हाथी के हमले में दो की मौत, ग्रामीणों का धरना

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार और वन विभाग की लापरवाही से यह हादसा हुआ।

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चिक्कमगलूरु जिले के श्रींगेरी तालुक में कुद्रेमुख वन्यजीव प्रभाग की केरेकट्टे रेंज में शुक्रवार सुबह हाथी के हमले Elephant Attack में दो लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान उमेश गौड़ा (43) और हरीश शेट्टी (41) के रूप में हुई है।

दोनों केरेकट्टे के पास केरेगड्डे के निवासी थे।दोनों व्यक्ति जंगल में मवेशियों के लिए चारा लाने गए थे, तभी एक जंगली हाथी ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें कुचलकर मार डाला।

घटना की सूचना मिलते ही केरेकट्टे रेंज के वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। घटना के कुछ घंटों बाद ही केरेकट्टे और आसपास के गांवों के लोग एकत्र होकर धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि जिलेे के उपायुक्त घटनास्थल पर आएं। बाद में उन्होंने कहा कि वे तब तक धरना नहीं हटाएंगे जब तक राज्य के वन मंत्री ईश्वर बी. खंड्रे मौके पर नहीं पहुंचते।

ग्रामीणों का कहना है कि उमेश और हरीश उन परिवारों में से थे जिन्होंने वन क्षेत्र से बाहर जाने की इच्छा जताई थी, लेकिन सरकार की देरी के कारण उन्हें पुनर्वास नहीं मिला। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार और वन विभाग की लापरवाही से यह हादसा हुआ।

उन्होंने मृतकों के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देने की मांग की। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि पिछले एक वर्ष में हाथी के हमलों में मारे गए पांच परिवारों को अब तक कोई नौकरी नहीं दी गई है।वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान के भीतर करीब 1,350 परिवार रह रहे हैं, जिनमें से लगभग 600 परिवारों ने पुनर्वास के लिए आवेदन किया है। विभाग ने इनमें से कुछ को ही अब तक स्थानांतरित किया है।