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कर्नाटक को 422 अतिरिक्त पीजी मेडिकल सीटें मिलीं, कुल सीटें 2,116 हुईं

मंत्री ने कहा कि अधिकांश सीटें क्लीनिक विभाग को दी गई हैं। कुल 312 सीटें क्लीनिक, 60 सीटें पैराक्लिनिकल और 50 सीटें प्रीक्लिनिकल विभागों को आवंटित की गई हैं।

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राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग National Medical Commission (एनएमसी) ने इस वर्ष कर्नाटक के मेडिकल कॉलेजों Medical Colleges of Karnataka को 422 अतिरिक्त स्नातकोत्तर (पीजी) सीटें आवंटित की हैं। इससे इस वर्ष कुल सीटों की संख्या बढकर 2,116 हो गई है।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश पाटिल ने कहा, पीजी चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए आवंटित अतिरिक्त सीटों की संख्या संबंधी अधिसूचना अभी ऑनलाइन अपलोड नहीं की गई है। हमने एनएमसी से 572 पीजी सीटों की मांग की थी, जिनमें से 422 सीटों को मंजूरी दी गई हैै। पिछले वर्ष कुल 1,694 सीटें थीं। इसके अलावा, निजी मेडिकल कॉलेजों में सीटों की वृद्धि को लेकर एनएमसी का निर्णय अभी आना बाकी है। जैसे ही वे सीटें आवंटित होंगी, सरकार को उनमें से अपना हिस्सा मिल जाएगा।

मंत्री ने कहा कि अधिकांश सीटें क्लीनिक विभाग को दी गई हैं। कुल 312 सीटें क्लीनिक, 60 सीटें पैराक्लिनिकल और 50 सीटें प्रीक्लिनिकल विभागों को आवंटित की गई हैं। क्लीनिक विभाग के अंतर्गत 64 सीटें एमडी बाल रोग (पीडियाट्रिक्स), 63 एनेस्थीसिया, 52 प्रसूति एवं स्त्री रोग (ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी) और 58 सामान्य शल्य चिकित्सा (जनरल सर्जरी) के लिए दी गई हैं।उन्होंने बताया कि ‘डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटीज’ ने सरकार को सीटें देने से मना कर दिया है, क्योंकि इसके लिए कानून में कोई प्रावधान नहीं है। केवल केंद्र सरकार ही कानून में ऐसे प्रावधान कर सकती है, जिससे राज्य सरकारों को ऐसे संस्थानों में उनका हिस्सा मिल सके।

उन्होंने आगे बताया कि एनएमसी पहले ही सरकारी कॉलेजों में 450 स्नातक (यूजी) चिकित्सा सीटों की वृद्धि को मंजूरी दे चुका है। यह जानकारी कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपडेट कर दी गई है। इस बीच, निजी कॉलेजों के लिए 1,100 एमबीबीएस सीटों को मंजूरी दी गई है, जिससे कुल सीटों की संख्या बढकर 13,945 हो गई है। पिछले वर्ष यह संख्या 12,395 थी।