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यूपी के बागपत में एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला। यहां एक दावत का आयोजन किया गया। लेकिन, आयोजनकर्ता के घर न ही कोई उत्सव था या न ही कोई कार्यक्रम… तो आखिर दावत किस बात की। यह आयोजन था भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की दावत। शिकायत की खुशी में 500 से ज्यादा लोगों को चाय-पकौड़े से लेकर खीर तक की दावत दी गई। गांव की गलियां खुशबू से महक उठीं, लेकिन ये कोई शादी-ब्याह का उत्सव नहीं, बल्कि 'ईमानदारी की जीत' का जश्न था। आइए, जानते हैं पूरी कहानी…।
बीते दिनों निरपुड़ा गांव में ऐसा माहौल था मानो कोई बड़ा त्योहार हो। चाय के स्टॉल, पकौड़ों की तली हुई खुशबू, चटनी की चटकार और खीर की मिठास सब कुछ था, लेकिन वजह बिल्कुल अनोखी। गांव के रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर परमवीर राणा पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हुआ, तो ग्रामीणों ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ 'लोकतांत्रिक जीत' माना। शिकायतकर्ता राममेहर नाम के बुजुर्ग ने खुलेआम जिम्मेदारी ली और कहा कि उन्होंने योगी-मोदी सरकार के एक विज्ञापन से प्रेरित होकर शिकायत की। विज्ञापन में लिखा था भ्रष्टाचार की शिकायत पर नाम गुप्त रखा जाएगा। लेकिन राममेहर ने नाम छुपाया नहीं, बल्कि कहा, 'हां, शिकायत मैंने की है…ताकि भ्रष्टाचारियों को सबक मिले!'
दावत का आयोजन गांव वालों ने सामूहिक रूप से किया। स्टॉल्स पर न सिर्फ खाने-पीने का सामान सजा, बल्कि सीएम योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के इश्तिहार भी लगे। ग्रामीणों का कहना था, 'ये दावत ईमानदारी को सम्मान देने के लिए है। सरकार ने जो किया, वो सराहनीय है।'
हालांकि, ये जश्न सबको रास नहीं आया। गांव में चर्चाएं तेज हैं कि आरोपी परमवीर राणा पक्ष पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी में था। कुछ लोग इसे 'राजनीतिक दबाव' बता रहे हैं, तो कुछ कहते हैं कि ये महज संयोग है। आयोजक निश्चय राणा ने कहा, 'गांव के एक शख्स ने रिटायर्ड इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति की शिकायत की थी। उसके बाद मुकदमा दर्ज हुआ। हमने भ्रष्टाचार पर एक्शन की खुशी में दावत का इंतजाम किया। ये गांव की एकजुटता का प्रतीक है।'
जश्न चरम पर था कि तभी पुलिस मौके पर पहुंच गई। तनाव की आशंका देखते हुए भोज का सारा सामान चाय के बर्तन से लेकर खाने का माल जब्त कर लिया गया। स्थानीय थाने के अधिकारीयों ने बताया कि मामला संवेदनशील है, इसलिए सतर्कता बरती गई।
आयकर विभाग की प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन विस्तृत जांच अभी जारी है। परमवीर राणा के खिलाफ कार्रवाई के तहत उनकी संपत्ति की पड़ताल हो रही है। ग्रामीण उम्मीद कर रहे हैं कि ये केस भ्रष्टाचार के खिलाफ मिसाल बनेगा।
Updated on:
14 Oct 2025 06:11 pm
Published on:
14 Oct 2025 06:10 pm
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