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Dhanteras 2025 Confirm Date: धनतेरस की तारीख पर कंफ्यूजन! 18 या 19 अक्टूबर? जानिए सही तारीख

धनतेरस 2025 का पर्व कब मनाया जाएगा। इसकी सही तारीख को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है। जानें इस दिन के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, खरीदारी का समय और इस बार बनने वाले खास राजयोगों के बारे में।

2 min read

भारत

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Dimple Yadav

Oct 17, 2025

Dhanteras 2025 Confirm Date

Dhanteras 2025 Confirm Date (photo- gemini ai)

Dhanteras 2025 Kab Hai : धनतेरस का त्योहार हिंदू धर्म में समृद्धि, आरोग्य और शुभता का प्रतीक माना गया है। हर साल यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विशेष विधान है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी कारण इस तिथि को धनत्रयोदशी या धनतेरस कहा जाता है। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद और चिकित्सा का जनक माना गया है, इसलिए इस दिन उनकी पूजा करने से दीर्घायु और आरोग्य की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं पंडित डॉ. अनीष व्यास से धनतेरस की सही तारीख।

धनतेरस 2025 तिथि और दिन

इस वर्ष धनतेरस का पर्व 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 18 अक्टूबर दोपहर 12:20 बजे से होगी और इसका समापन 19 अक्टूबर दोपहर 1:52 बजे पर होगा। शास्त्रों के अनुसार, जिस दिन प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि आती है, उसी दिन धनतेरस मनाने का विधान होता है।

खरीदारी के शुभ मुहूर्त

धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बर्तन, झाड़ू या वाहन खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन के तीन प्रमुख शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं।

अमृत काल मुहूर्त: सुबह 08:50 से 10:33 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:01 से 12:48 बजे तक

लाभ-उन्नति चौघड़िया मुहूर्त: दोपहर 01:51 से 03:18 बजे तक

कहा जाता है कि इन मुहूर्तों में की गई खरीदारी से घर में धन और समृद्धि का आगमन होता है।

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष धनतेरस की पूजा प्रदोष काल में की जाएगी, जो शाम 07:16 से 08:20 बजे तक रहेगा। इसी समय भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करनी चाहिए। भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाकर, तुलसी पत्र, चंदन, पुष्प और धूप अर्पित करें।

धार्मिक महत्व

धनतेरस केवल धन की देवी लक्ष्मी की पूजा का दिन नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना से जुड़ा पर्व भी है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की आराधना करने से रोग और भय से मुक्ति मिलती है। धनतेरस पर झाड़ू खरीदना और घर की सफाई करना शुभ माना जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इस साल धनतेरस पर हंस महापुरुष राजयोग, त्रिग्रही योग, बुधादित्य राजयोग और शनि प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है, जो इसे और अधिक शुभ बना देता है। ऐसे में 18 अक्टूबर का दिन स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख का द्वार खोलने वाला माना जा रहा है।