
carbide gun ban Congress leader injured ashoknagar (Patrika.com)
carbide gun ban:अशोकनगर क्षेत्र में पटाखों से झुलसने के अब तक 16 मामले हो चुके हैं। वहीं कार्बाइड गन चलाने से शहर में कांग्रेस नेता पवन पाल की आंखों में नुकसान हो गया। बढ़ते मामलों को देख अब प्रशासन सख्त हो गया है। कलेक्टर के निर्देश पर अपर कलेक्टर ने अब जिले में कार्बाइड गन के निर्माण, भंडारण, विक्रय व इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अशोकनगर क्षेत्र में पटाखों से झुलसने के अब तक 16 मामले हो चुके हैं। वहीं कार्बाइड गन चलाने से शहर में कांग्रेस नेता पवन पाल की आंखों में नुकसान हो गया। बढ़ते मामलों को देख अब प्रशासन सख्त हो गया है। कलेक्टर के निर्देश पर अपर कलेक्टर ने अब जिले में कार्बाइड गन के निर्माण, भंडारण, विक्रय व इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। (mp news)
अपर कलेक्टर देवकी नंदन सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत जिले में यह प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि वर्तमान में कार्बाइड गन के उपयोग से लोग घायल हो रहे है। साथ ही गंभीर बीमारी हो रही है। प्रतिबंधात्मक पटाखा, आतिशबाजी लोहा स्टील अथवा पीवीसी पाइपों में विस्फोटक पदार्थ भरकर अत्यधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाले अवैध संसोधित पटाखे (कार्बाइड गन) तैयार कर विक्रय किए जा रहे है। जिससे आम नागरिकों की सुरक्षा, शांति और पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अपर कलेक्टर ने आदेश में चेतावनी भी दी है कि यदि कोई इस आदेश का उल्लंघन करते पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शहर में मगरवा दक्षेत्र निवासी छह वर्षीय नितिन पुत्र घनश्याम कुशवाह ने शुक्रवार सुबह बिना जले पटाखों को एकत्रित किया। जिनसे उसने बारूद निकालकर कागज पर एकत्रित कर ली। साथ ही माचिश से आग लगाई तो अचानक से ऊंचाई तक आग भभक गई। इससे नितिन कुशवाह का चेहरा बुरी तरह से झुलस गया। परिजनों ने उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। यह पहला मामला नहीं, बल्कि जिला अस्पताल में 18 अक्टूबर से अब तक पटाखों से झुलसने के 16 मामले सामने आ चुके हैं।
सिर्फ दीपावली पर ही नहीं, जिले में बड़े स्तर पर इन संसोधित पटाखों का इस्तेमाल होता है। हिरण, सुअर और नीलगायों से फसलों को नुकसान से बचाने के लिए ग्रामीण इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके लिए प्लास्टिक व लोहे एवं स्टील के पाइपों से बनाकर जिलेभर में बड़े स्तर पर यह बिक रही हैं। जंगली जानवरों को भगाने तेज धमाका करने के लिए इनका इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि प्रशासन के इस प्रतिबंध से इसके इस्तेमाल पर अब रोक लग चुकी है।
Published on:
25 Oct 2025 08:25 am
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