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कॉमर्स से छात्रों का मोहभंग, संकाय बचाने को दे रहे झूठी जानकारी

अलवर. कॉमर्स संकाय से विद्यार्थियों का मोहभंग हो गया है। हालत यह है कि कॉमर्स में गिने-चुने बच्चों ने ही प्रवेश लिया है। उधर, संकाय बंद नहीं हो, इसके लिए स्कूल प्रशासन शाला दर्पण पर गलत जानकारी प्रेषित कर रहे हैं। अलवर शहर की तीन सरकारी स्कूलों का सर्वे किया तो पाया कि प्रत्येक स्कूल में […]

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अलवर

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jitendra kumar

Jul 29, 2024

अलवर. कॉमर्स संकाय से विद्यार्थियों का मोहभंग हो गया है। हालत यह है कि कॉमर्स में गिने-चुने बच्चों ने ही प्रवेश लिया है। उधर, संकाय बंद नहीं हो, इसके लिए स्कूल प्रशासन शाला दर्पण पर गलत जानकारी प्रेषित कर रहे हैं।

अलवर शहर की तीन सरकारी स्कूलों का सर्वे किया तो पाया कि प्रत्येक स्कूल में कक्षा 12वीं बोर्ड में नामांकन केवल 2 से लेकर 5 तक ही है तथा 11वीं कक्षा में 5 से 9 तक नामांकन है, लेकिन शिक्षा विभाग के मापदंड को एक भी स्कूल पूरा नहीं कर रहा है। गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों में किसी संकाय को चालू रखने के लिए प्रत्येक संकाय में 10 विद्यार्थियों का नामांकन होना आवश्यक है। अगर शिक्षा विभाग के मापदंडों को पूर्ति हो रही है तो संकाय चलता रहेगा अन्यथा बंद कर दिया जाएगा। इस बार कक्षा 12वीं बोर्ड कॉमर्स संकाय में सरकारी और निजी स्कूलों सहित परीक्षा में 928 विद्यार्थी ही शामिल हुए थे।

छह साल से तीन विद्यार्थियों को पढ़ा रहे तीन शिक्षक : राजकीय प्रताप उच्च माध्यमिक विद्यालय स्कूल में पिछले छह वर्षों से कॉमर्स विषय के तीन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए तीन व्याख्यता लगे हुए हैं। प्रत्येक व्याख्याता का वेतन सवा लाख से ज्यादा हैै। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि तीन बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार को कितना पैसा खर्च करना पड़ रहा है।

नवीन स्कूल में इस प्रकार से है नामांकन : जिले की सबसे बड़ी सरकारी स्कूल माने जाने वाले नवीन स्कूल में सत्र 2025 में कॉमर्स संकाय कक्षा 12वीं में 13 और कक्षा 11वीं में 7 नामांकन है। पिछले सत्र में कक्षा 12वीं में 5 और कक्षा 11वीं में 13 विद्यार्थी मौजूद रहे। स्कूल में पढ़ाने के लिए तीन शिक्षकों है।

स्कूल में सत्र 2019 से लेकर 2024-25 तक कक्षा 11वीं और कक्षा 12वीं में पढ़ाई के लिए नामांकन 3 से 4 विद्यार्थियों का रहा है, लेकिन शाला दर्पण पोर्टल पर कला विषयों के विद्यार्थियों को कामर्स संकाय में दिखाया गया है। स्कूल के कॉमर्स संकाय को बंद करके निकटवर्ती यशवंत स्कूल में मर्ज करने की सिफारिश की जा रही है। इस स्कूल में कॉमर्स के 11 बच्चे हैं, जबकि शिक्षक केवल एक। अगर स्कूल मर्ज होता है तो अतिरिक्त व्याख्याता पढ़ाई के लिए मिल सकेंगे। जिनका प्रताप स्कूल में सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। उधर, स्कूल से संकाय बंद करने के लिए पूर्व सीडीईओ की ओर से माध्यमिक शिक्षा विभाग निदेशक को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।

शिक्षा विभाग की ओर से प्रताप स्कूल में संचालित कॉमर्स संकाय की जांच की जा रही है। शिक्षा के मापदंडा़े के अनुरूप संकाय में 10 विद्यार्थियों का नामांकन होना आवश्यक है। स्कूल की जांच होने के बाद रिपोर्ट विभाग को भेजी जाएगी। - शिवचरण लाल मीणा, सीबीईओ, उमरैण

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