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पलासाना के ग्रामीणों को जल जीवन मिशन से नहीं मिला पानी

छह माह से नहीं हो रही सप्लाई, लोग दो हैंडपंपों का फ्लोराइड पानी पीने को मजबूर

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प्रतापगढ़. नवसृजित ग्राम पंचायत पलासाना के ग्रामीणों को छह माह से पीने योग्य पानी नहीं मिल रहा है। यहां के ग्रामीण या तो हैंडपंप का फ्लोराइड पानी पीने को मजबूर हैं या फिर 500 रुपए में टैंकर मंगवाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। आरोप है कि यहां गांव में जल जीवन मिशन योजना स्वीकृत की गई थी, लेकिन इसका भी पानी नहीं मिल पाया।पूर्व में भाजपा सरकार में मंत्री रहे हेमसिंह भड़ाना ने पणिहारी योजना में लाखों रुपए खर्च करावाकर इस गांव में तीन सरकारी छोटी टंकियों सहित दो ट्यूबवेल लगवाए थे। जिनमें फिलहाल एक में ही पानी है। हालांकि क्षेत्र में बारिश ठीक होने से ट्यूबवेल में पानी की कोई कमी नहीं है। पूर्व में ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ के अधीन जनता दल योजना से पेयजल सप्लाई के लिए एक कार्मिक लगा रखा था। केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना आने के बाद ग्राम पंचायत के मुखिया ने भी डेली विजेज पम्प चालक को भुगतान करना बंद कर दिया। इसके बाद छह माह से नलों से पानी आता नहीं देखा।

पूर्व में प्रतापगढ़ पंचायत का राजस्व गांव पलासाना

वर्तमान में नवसृजित पंचायत पलासाना पहले ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ के अधीन थी। सभी सरकारी सुविधा के लिए प्रतापगढ़ सरपंच की जिम्मेदारी तय है। सरकार ने नवीन पंचायत गठन प्रक्रिया फिलहाल रोक दी है।टंकी निर्माण कम्पनी ब्लैक लिस्टेडजल जीवन मिशन योजना के कार्य के तहत एक कंपनी को टंकी निर्माण व ट्यूबवेल का ठेका दिया था। कार्य में अनियमितता की जांच के बाद संबंधित कम्पनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया। जिससे इस गांव में जल जीवन मिशन योजना के कार्य लंबित पड़े हैं। हालांकि कम्पनी का क्षेत्र में अस्सी प्रतिशत कार्य हो चुका हैं। ठेकेदार ने इस क्षेत्र के कार्य पर स्टे ले रखा है।ग्रामीण किसे बताए समस्याग्रामीणों का कहना है कि जल जीवन मिशन योजना के बाद प्रतापगढ़ सरपंच ने पम्प चालक को भुगतान कर पेयजल आपूर्ति की जिम्मेदारी आगे से जलदाय विभाग की बताकर भुगतान देना बंद कर दिया। पीएचईडी के अधिकारियों ने भी लोगों को पानी सप्लाई ग्राम पंचायत के अधीन बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रखा है। अब ग्रामीणों का कहना है वे अपनी समस्या किसे बताए। पलासाना में दो हेंडपंप है, जिनमें फ्लोराइड पानी आता है। इस पानी के उपयोग से विभिन्न प्रकार की बीमारियों के बढ़ने का खतरा बना हुआ है। 500 रुपए में टैंकर मंगाकर बीस दिन तक काम में लेते हैं।

यह बोले जिम्मेदारमेरे को पलासाना में पानी की समस्या की जानकारी मिली है। वहां पणिहारी या पुरानी योजना संचालित है तो पंप चालक को भुगतान ग्राम पंचायत करेगी। जेजेएम योजना से नई बोरिंग या टंकी बनकर कार्य चालू हो गया है तो उसकी जिम्मेदारी पीएचईडी विभाग की है।राजेश कुमार, एक्सईएन, पीएचईडी विभाग, अलवर।

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पलासाना में पेयजल आपूर्ति के लिए केवल एक बोरिंग की आए दिन चोर स्टार्टर व केबिल चोरी कर ले जाते हैं। इस ट्यूबवेल को ठीक करवा दिया है। आज से पेयजल सप्लाई शुरू हो जाएगी।

कप्तान सिंह, सरपंच, प्रतापगढ़।